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Haryana News: हरियाणा की अनाज मंडियों में धीमी गति से हो रही धान की आवक, पिछले साल के मुकाबले आधी पहुंची धान

Haryana News: हरियाणा की अनाज मंडियों में धीमी गति से हो रही धान की आवक, पिछले साल के मुकाबले आधी पहुंची धान
 
TODAY MANDEY BHAV
Haryana News: Arrival of paddy is slow in the grain markets of Haryana, half of the paddy reached compared to last year

Haryana News: हरियाणा प्रदेश की अनाज मंडी में इस बार धान की आवक धीमी गति से हो रही है। हरियाणा प्रदेश के जींद जिले के जुलाना अनाज मंडी की बात करें तो यहां इस बार पिछले साल की तुलना में धान की आवक अभी तक आधी से भी कम हुई है। जींद जिले के जुलाना की नई अनाज मंडी के साथ-साथ हरियाणा प्रदेश की अनेक मंडियों में इस बार धान की आवक धीमी गति से हो रही हैं। हरियाणा प्रदेश के जींद जिले के जुलाना की नई अनाज मंडी की बात करें तो अब तक मंडी में लगभग 2 लाख 5420 किवंटल धान की खरीद की जा चुकी हैं। जबकि पिछले साल के मुकाबले यह खरीद काफी कम हैं। पिछले साल अब तक 4 लाख 20 हजार किवंटल धान की आवक हो चुकी थी।
जुलाना की नई अनाज मंडी में वैसे तो धान की आवक शुरू हो चुकी हैं लेकिन धान की आवक इस समय धीमी हैं। क्योंकि जुलाना क्षेत्र के धान की बिजाई पछेती होने के कारण अब कटाई शुरू हुई हैं। जिस कारण धान की आवक कम हैं और साथ ही धान की कटी फसल में नमी होने के कारण भी किसान अपनी फसल को बेचने के लिए मंडी में नहीं ला रहे हैं। जुलाना की नई अनाज मंडी में ज्यादात्तर धान 1509 की आवक हो रही हैं। धान 1509 किस्म के भाव की बात करें तो धान 1509 के भाव 2450 रुपए से लेकर 2910 प्रति किवंटल के रेट से भाव लगाए जा रहे हैं। जो कि यह भाव पिछले साल के मुकाबले काफी कम हैं।


सुबह 5 बजे से लेकर 4 बजे तक मंडी में ट्रैक्टर ट्रालियों की होगी एंट्री 


शनिवार को आढ़ती एसोसिएशन की बैठक में आढ़तियों ने फैसला लिया कि मंडी में अव्यवस्था ना फैले इसके लिए सुबह 5 बजे से लेकर 4 बजे तक मंडी में ट्रैक्टर ट्रालियों की एंट्री होगी उसके बाद मंडी में कोई भी ट्राली नही घुसने दी जाएगी। दोपहर बाद 4 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक केवल उठान का काम किया जाएगा।

कोमिला, मंडी सचिव जुलाना ने बताया कि मंडी में किसानों के लिए सभी पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। किसी भी किसान को मंडी में फसल बेचने में कोई परेशानी नही आएगी। मंडी में बिजली पानी और सफाई का विशेष प्रबंध किया गया है।

बीते साल से अधिक मिल रहे है किसानों को कपास के भाव, प्राइवेट कपास की बोली पर 7700 पार पहुंचे कपास के भाव

हरियाणा में इस साल कपास के भाव जरूर किसानों को कुछ राहत देने का काम कर रहे है। कपास की आवक बेशक बीते साल से कम इन दिनों हो लेकिन कपास के भाव बीते साल से अधिक किसानों को प्राइवेट कपास की बोली पर मिल रहे है। अब तक बीते साल की अपेक्षा 23 प्रतिशत के आस-पास कम कपास की आवक हुई है। इस साल अब तक 19978 क्विंटल कपास मंडी आ चुकी है। बीते साल इन दिनों तक 26243 क्विंटल आ चुकी थी। इस साल 6265 क्विंटल कपास मंडी कम आई है। इन दिनों कम से कम 7280 रुपए प्रति क्विंटल तो अधिक से अधिक 7765 रुपए प्रति क्विंटल तक भाव मिल रहे है। बीते साल इन दिनों कम से कम 5805 रुपए प्रति क्विंटल तो अधिक से अधिक 6995 रुपए प्रति क्विंटल तक के भाव मिल रहे थे।
किसान राजू, सुलतान, बलजोर ने कहा कि इस साल भाव कपास के बीते साल से अधिक मिल रहे है। भाव आने वाले दिनों में बढ़ने की उम्मीद है। आवक कम कपास की रहने के बाद अब भाव से ही किसानों को उम्मीद है। भाव बढ़ने से किसानों को आर्थिक रूप से लाभ होगा। मार्केट कमेटी सचिव संदीप कासनिया ने बताया कि बीते साल से अधिक भाव कपास के मिल रहे है लेकिन आवक बीते साल से अब तक कम हो रही है।

उचाना की सरकारी बीज की दुकान पर गेहूं का आया बीज, किसानों ने 5 हजार गेहूं के बीज के बैग खरीदे

जींद जिले की उचाना मंडी गेट के सामने 40 फूटा रोड पर सरकारी बीज की दुकान पर आए गेहूं के बीज को लेने के लिए आस-पास के गांवों के किसान पहुंचे। यहां पर एक किसान को आधार कार्ड पर 15 बैग गेहूं के बीज के दिए जा रहे है। सुचारू रूप से यहां पर बीज की ब्रिकी जारी है। सरकारी दुकान पर प्रभारी बीज बिक्री केंद्र उचाना बलराज ने बताया कि गेहूं का बीज डीबी डब्ल्यू-303, 222, 332, डब्ल्यूएच-1270, पीबीडब्ल्यू-826 आया है। निरंतर गेहूं के बैगों की ब्रिकी जारी है। किसान को एक बैग जो 40 किलोग्राम का है वो 1150 रुपए का दिया जा रहा है। 5 हजार से अधिक बैगों की ब्रिकी हो चुकी है। गेहूं की बिजाई के लिए किसान सरकारी दुकान पर बीज लेने के लिए आते है क्योंकि बीज की गुणवत्ता बढ़िया होने से पैदावार अधिक होती है। किसानों ने कहा कि ब्रिकी केंद्र पर उन्हें आते ही आधार कार्ड पर गेहूं का बीज मिल जाता है। ये बाजार से सस्ता होने के साथ-साथ गुणवत्ता वाला बीज है। इसलिए किसान गेहूं की बिजाई के लिए बीज की खरीद सरकारी दुकान से करते है।