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गोपालपुरा नाले पर कार्रवाई, अवैध पुलिया और बाउंड्रीवॉल ढहाए

 

Guna News: गुना शहर में नदियों और नालों पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई लगातार जारी है। मंगलवार को प्रशासन ने गोपालपुरा नाले पर बनाई गईं दो अवैध पुलियाओं और दो बाउंड्रीवॉल को गिरा दिया। इन निर्माणों की आड़ में नाले की जमीन पर कब्जा कर लिया गया था, जिससे उसकी चौड़ाई घटकर करीब 20 फीट रह गई थी।

मैरिज गार्डन संचालक ने किया कब्जा

संधू लैंडमार्क मैरिज गार्डन के पीछे अवैध रूप से एक पुलिया और लंबी दीवार बनाई गई थी। यही नहीं, नाले की जमीन पर किचन और टॉयलेट तक खड़े कर दिए गए थे। दूसरी पुलिया किसी अन्य व्यक्ति द्वारा बनाई गई थी, ताकि आगे चलकर कॉलोनी खड़ी की जा सके। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के निर्माण से जल निकासी बाधित होती है और बाढ़ का खतरा बढ़ता है।

पहले भी हुई थी कार्रवाई

इसी नाले पर भगतसिंह कॉलोनी के पीछे दो पुलिया और एक बाउंड्रीवॉल पहले ही तोड़ी जा चुकी हैं। इसके बावजूद कई अवैध निर्माण अब भी खड़े हैं। इनमें एक चार मंजिला इमारत भी शामिल है, जिसे गिराने के लिए नोटिस जारी हुआ था, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हो पाई है। हाल ही में आई बाढ़ के बाद प्रशासन ने जिले की नदियों और नालों को अतिक्रमण से मुक्त कराने का अभियान तेज किया है।

पनारिया और अन्य नालों पर भी कब्जे

न्यू टेकरी रोड पर पनारिया नदी और उससे जुड़े नालों पर भी अवैध निर्माण शुरू हो गए हैं। कुशवाह की वाड़ी से आने वाले नाले पर पुलिया डालकर कब्जा कर लिया गया। पेट्रोल पंप के पास यह निर्माण स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। इसी रोड पर पनारिया नदी किनारे एक निजी मकान तक खड़ा कर दिया गया है। आश्चर्य की बात यह है कि नगर पालिका ने यहीं बस स्टॉप और सार्वजनिक शौचालय भी बनवा दिए, जबकि सामने पहले से एक बस स्टॉप मौजूद है। यह शौचालय अभी तक बंद पड़ा है और इसके शुरू होने पर गंदगी सीधे नदी में जाएगी।

विशेष दल गठित

गुनिया, पनारिया और ओड़िया नदियों से कब्जे हटाने के लिए प्रशासन ने विशेष जांच दल बनाया है। इसमें नगर पालिका, राजस्व और सिंचाई विभाग के साथ-साथ उन विभागों के अधिकारी भी शामिल किए गए हैं जिनकी जमीन पर अतिक्रमण हुआ है। उदाहरण के तौर पर संधू लैंडमार्क के पीछे बीज निगम की जमीन पर कब्जा किया गया था, वहीं भगतसिंह कॉलोनी के पीछे वन विभाग की जमीन दबाई गई थी।

प्रशासन का रुख

अधिकारियों का कहना है कि किसी भी स्तर पर दबाव में आए बिना कार्रवाई की जाएगी। उद्देश्य यह है कि सभी नाले और नदियाँ अतिक्रमण से मुक्त हों ताकि भविष्य में बाढ़ और जलभराव की समस्या न बढ़े।