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Winter Vacation Haryana: हरियाणा के स्कूलों में शीतकालीन अवकाश की मांग हुई तेज, प्रार्थना सभा हुई रद्द, मौसम विभाग ने ठंड को लेकर ऑरेंज अलर्ट किया जारी 

हरियाणा प्रदेश में लगातार बढ़ रही कड़ाके की ठंड को देखते हुए अब स्कूलों में बच्चों को शीतकालीन अवकाश देने की मांग-दिन प्रतिदिन तेज होती जा रही है। प्रदेश में कड़ाके की ठंड शुरू होने के बाद सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, चरखी दादरी, भिवानी, सोनीपत के विभिन्न स्कूलों में सुबह होने वाली बच्चों की प्रार्थना सभा को रद्द कर दिया गया है। ठंड व घना कोहरे को देखते हुए सरकारी स्कूलों में सुबह खुले में प्रार्थना सभा पर शिक्षा निदेशालय ने रोक लगा दी है।
 

Winter School Holiday in Haryana: हरियाणा प्रदेश में लगातार बढ़ रही कड़ाके की ठंड को देखते हुए अब स्कूलों में बच्चों को शीतकालीन अवकाश देने की मांग-दिन प्रतिदिन तेज होती जा रही है। प्रदेश में कड़ाके की ठंड शुरू होने के बाद सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, चरखी दादरी, भिवानी, सोनीपत के विभिन्न स्कूलों में सुबह होने वाली बच्चों की प्रार्थना सभा को रद्द कर दिया गया है। कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बीच छोटे बच्चे स्कूल जाने को मजबूर हैं। पिछले चार दिनों से लगातार तापमान में गिरावट हो रही है। कोहरे का प्रकोप बढ़ रहा है। सुबह के समय सड़कों पर दृश्यता बेहद कम होने के बावजूद बच्चे रोजाना स्कूल पहुंच रहे हैं। मौसम विभाग ने तीन दिन कोहरे का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। चार दिनों से जिले में घना कोहरा छाया हुआ है और सर्द हवाएं चल रही हैं। 

स्कूलों का निरीक्षण करने के निर्देश

ठंड व घना कोहरे को देखते हुए सरकारी स्कूलों में सुबह खुले में प्रार्थना सभा पर शिक्षा निदेशालय ने रोक लगा दी है। शिक्षा निदेशालय ने ठंड से बच्चों को बचाने की सहूलियत को देखते हुए सभी जिला और मौलिक शिक्षा अधिकारियों के निर्देश जारी किए हैं। निदेशालय ने स्कूलों का औचक निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए हैं। इस दौरान निदेशालय के निर्देशों का पालन नहीं करने वाले प्रधानाचार्य, स्कूल के मुखिया पर विभागीय कार्यवाही भी की जाए।

कोई भी एक्टिविटी मैदान में न कराएं

प्रदेश के सिरसा जिले में मौलिक शिक्षा अधिकारी डॉ. विजय लक्ष्मी ने घने कोहरे को देखते सभी स्कूल मुखियाओं को पत्र भेजकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। किसी भी प्रकार की एक्टिविटी आधारित पढ़ाई खुले मैदान या बाहर नहीं करवाई जाएगी। विद्यार्थियों को मैदान में बैठाने के बजाय बेंचों या फिर टाट पट्टी पर बैठाकर पढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि वे ठंड से सुरक्षित रह सकें।