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जींद जिले में ड्रॉप आउट बच्चों को स्कूल लाने के लिए घर-घर जाएंगी टीम, सरकारी सुविधाओं की देंगे जानकारी

जींद जिले में शिक्षा से वंचित रह गए ड्रॉप आउट व आउट ऑफ स्कूल बच्चों को दोबारा शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए शिक्षा विभाग ने व्यापक अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। 1 जनवरी से 9 जनवरी तक स्कूल स्तर पर यह अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत विभाग द्वारा विशेष टीमें गठित की जाएंगी, जो जिले के सभी ब्लॉकों में जाकर ड्रॉप आउट बच्चों का सर्वे करेंगी और उनके अभिभावकों से सीधे संपर्क कर उन्हें जागरूक करेंगी। विभाग का लक्ष्य इस बार कम से कम 300 ड्राप आउट बच्चों को फिर से स्कूलों में नामांकन कराकर शिक्षा से जोड़ना है।
 

Jind News: जींद जिले में शिक्षा से वंचित रह गए ड्रॉप आउट व आउट ऑफ स्कूल बच्चों को दोबारा शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए शिक्षा विभाग ने व्यापक अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। 1 जनवरी से 9 जनवरी तक स्कूल स्तर पर यह अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत विभाग द्वारा विशेष टीमें गठित की जाएंगी, जो जिले के सभी ब्लॉकों में जाकर ड्रॉप आउट बच्चों का सर्वे करेंगी और उनके अभिभावकों से सीधे संपर्क कर उन्हें जागरूक करेंगी। विभाग का लक्ष्य इस बार कम से कम 300 ड्राप आउट बच्चों को फिर से स्कूलों में नामांकन कराकर शिक्षा से जोड़ना है। कई बच्चे आर्थिक तंगी, पारिवारिक मजबूरियों, बाल श्रम, प्रवास, पढ़ाई में रुचि की कमी या अन्य सामाजिक कारणों से स्कूल छोड़ देते हैं। ऐसे बच्चों की पहचान कर उन्हें पुनः स्कूल तक लाना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है। इसके लिए अध्यापकों, बीआरपी, सीआरपी, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्कूल प्रबंधन समितियों की मदद ली जाएगी।

गांव-गांव और शहरी क्षेत्रों की बस्तियों में घर-घर जाकर सर्वे करेंगी टीमें अभियान के दौरान गठित टीमें गांव-गांव और शहरी क्षेत्रों की बस्तियों में घर-घर जाकर सर्वे करेंगी। अभिभावकों को सरकारी योजनाओं जैसे छात्रवृत्ति, मुफ्त किताबें, यूनिफॉर्म, मध्यान्ह भोजन और अन्य सुविधाओं की जानकारी दी जाएगी। बच्चों को स्कूल भेजने के लिए जागरूक किया जाएगा।

सरकारी सुविधाओं की देंगे जानकारी

कई बार अभिभावकों को सरकारी योजनाओं और सुविधाओं की पूरी जानकारी नहीं होती, जिसके कारण वे बच्चों को स्कूल भेजने में रुचि नहीं लेते। इस अभियान के माध्यम से उन्हें यह भरोसा दिलाया जाएगा कि सरकार बच्चों की शिक्षा के लिए हर संभव सहयोग प्रदान कर रही है। जरूरतमंद बच्चों को नजदीकी सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाएगा और उनकी नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए भी निगरानी की जाएगी।

ड्रॉप आउट बच्चों की निरंतर जारी रखी जाएगी पढ़ाई

विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि ड्रॉप आउट बच्चों को केवल नामांकन तक सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि उनकी पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखने के लिए स्कूल स्तर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे बच्चों के साथ सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाया जाए और उनकी शैक्षणिक कमियों को दूर करने के लिए अतिरिक्त सहयोग प्रदान किया जाए।

अधिक बच्चे शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ेंगे

यह अभियान सफल रहा तो जिले में ड्रॉप आउट की संख्या में उल्लेखनीय कमी आएगी और अधिक से अधिक बच्चे शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। जिले में ड्राप आउट बच्चों को पढ़ाने के लिए 30 सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। अभिभावकों से भी अपील की है कि वे अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए उन्हें नियमित रूप से स्कूल भेजें और इस अभियान में सहयोग। - रणधीर सिंह, एपीसी, जींद।