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Ayushman Bharat Yojana : हरियाणा के जींद समेत बाकी जिलों में भी हफ्ते बाद नहीं होगा गरीबों का फ्री इलाज, जानिए क्या है वजह

Haryanaline: आईएमए पदाधिकारियों ने सीएम को बताया था कि निजी अस्पतालों का आयुष्मान योजना (Ayushman Bharat Yojana) के तहत मरीजों का उपचार करने का 450 करोड़ रुपए  के बकाया होने की बात राखी थी। 
 
 जानिए क्या है वजह

Haryana Ayushman Bharat Yojana : हरियाणा से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है।  बता दे की हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का इलाज किया जाता है।

लेकिन अब इन फ्री इलाज कराने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना पद सकता है।  क्योंकि रजिस्टर्ड अस्पतालों की लगभग 450 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि बकाया है। बकाया राशि का भुगतान नहीं होने से निजी अस्पताल संचालकों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।  जिसके चलते उन्होंने यह फेंसला लिया है ।

आईएमए पदाधिकारियों से हरियाणा सीएम ने की थी मुलाकात 


अधिक जानकारी के लिए बता दे की प्रदेश के निजी अस्पताल संचालकों ने आईएमए हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष डॉमहावीर प्रसाद जैन और पूर्व प्रधान डॉ अजय महाजन की अगुवाई में 8 जनवरी को प्रदेश के सीएम नायब सैनी इसी मामले के चलते मुलाकात हुई थी।

इस मुलाकात में आईएमए पदाधिकारियों ने सीएम को बताया था कि निजी अस्पतालों का आयुष्मान योजना (Ayushman Bharat Yojana) के तहत मरीजों का उपचार करने का 450 करोड़ रुपए  के बकाया होने की बात राखी थी। 

वहीँ हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने आईएमए पदाधिकारियों को आश्वासन दिया था कि जल्द उनके पैसे का भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन अभी तक बकाया का भुगतान नहीं हुआ है। इससे खफा आईएमए (IMF) पदाधिकारियों ने बीते दिन एक बैठक की है 

जींद जिले बकाया है 12 करोड़ 

बता दे की गरीबों को फ्री इलाज (Free treatment to poor) मामले में जींद जिले में भी 12 करोड़ रूपए बकाया है। बता दे की जिलेभर में आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले के 15 निजी अस्पताल रजिस्टर्ड हैं। 

सप्ताह बाद कमेटी ले सकती है बड़ा फेंसला 


आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ महावीर प्रसाद जैन ने कहा कि सरकार को एक सप्ताह का नोटिस दिया जा रहा है। इस नोटिस में एक सप्ताह में आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) के तहत निजी अस्पताल संचालकों की 450 करोड़ से ज्यादा की बकाया राशि का भुगतान करने के लिए कहा जाएगा।

अगर एक सप्ताह में भुगतान नहीं हुआ तो फरवरी में किसी भी दिन निजी अस्पताल संचालक (Private Hospital Operator) इस योजना के तहत मरीजों की जांच और उपचार बंद कर देंगे।