Farmers movement update: दातासिंहवाला बॉर्डर पर पुलिस और किसान फिर हुए आमने-सामने, हालत हुई बेकाबू

Farmers movement update: दातासिंहवाला बॉर्डर पर एक बार फिर पुलिस और किसान आमने-सामने हो गए हैं। आज सुबह किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए प्रशासन ने दातासिंहवाला बॉर्डर (BHAGAT SINGH WALA BORDER) पर अर्धसैनिक बल व पुलिस की 14 कंपनियां तैनात कर दी हैं। किसानों ने पहले ही 6 दिसंबर को दिल्ली कूच की घोषणा कर रखी है। जिसे देखते हुए प्रशासन ने जिले में धारा 163 लागू कर दी है। किसानों को दिल्ली की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने 3 लेयर की नाकाबंदी की है। हालांकि किसान किसी भी बात को सुनने के लिए तैयार नहीं है और हर हाल में दिल्ली की तरफ बढ़ने की बात बोल रहे हैं। जिसे देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है की आज किसी भी समय प्रशासन और किसानों के बीच टकराव हो सकता है।
पुलिस प्रशासन ने किसानों को रोकने हेतु की चारों तरफ नाकाबंदी
जींद जिले में पुलिस प्रशासन ने किसानों को दिल्ली की तरफ बढ़ने से रोकने हेतु दातासिंहवाला बॉर्डर के साथ उझाना व नरवाना कैंची मोड़ पर भी नाकाबंदी की है। इन स्थानों पर नाकेबंदी के साथ-साथ वाटर कैनन गाड़ियों को भी तैनात कर दिया है। किसानों द्वारा किए गए आज दिल्ली कूच ( KISAN MOVEMENT JIND) के ऐलान के बाद कल दोपहर बाद ही सभी नाकों पर पुलिस प्रशासन की तरफ से डीएसपी ने व्यवस्था संभाल ली है।
किसानों पर अत्याचार हुआ तो किसान संगठन करेंगे सहयोग
किसान संगठनों ने दिल्ली कूच के दौरान किसानों पर किसी प्रकार का अत्याचार होने पर सहयोग करने की बात कही है। हालांकि हरियाणा के किसान संगठनों ने अभी तक इस आंदोलन से दूरी बना रखी है, लेकिन कुछ संगठनों के नेताओं ने ब्यान देते हुए कहा कि अगर दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर अत्याचार हुआ तो वह सहयोग करने से पीछे नहीं हटेंगे। किसान संगठनों (HARYANA KISAN SANGATHAN) का ब्यान सामने आने के बाद प्रशासन डर रहा है कि कहीं ऐसा हुआ तो स्थित बिगड़ सकती है। वर्तमान में पंजाब की तरफ से ही किसान आ रहे हैं। हरियाणा के किस अभी इस आंदोलन में शामिल नहीं हुए हैं। इसलिए बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए प्रशासन ने अपनी तरफ से मजबूत नाकेबंदी कर रखी है। किसानों द्वारा शंभू बॉर्डर (SHAMBHU BORDER MOMENT) से दिल्ली कूच करने की योजना के चलते डीएसपी नरवाना ने लोगों से नरवाना रूट पर ना जाने की अपील की है।
किसानों ने मांगों को लेकर उपराष्ट्रपति के नाम भेजा पत्र
दिल्ली कूच से पहले खनौरी बॉर्डर (KHANORI BORDER MOMENT) से किसानों का भारी संख्या में जमावड़ा लग गया है। दिल्ली कूच हेतु इकट्ठे हुए किसानों ने उपराष्ट्रपति के नाम मांगों को पूरा करवाने के लिए पत्र भेजा है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने पत्र में किसने की मांगों को पूरा करने हेतु लिखा है। उन्होंने डॉ. स्वामीनाथन रिपोर्ट, (SWAMINATHAN REPORT) एमएसपी (MSP) पर खरीद की गारंटी के अलावा कई अन्य मांगों को शामिल किया है। 9 दिसंबर को पंजाब को छोड़कर सभी सांसदों के आवास के बाहर धरना देने का निर्णय लिया है। अगर किसानों की मांगों को नहीं माना गया तो 9 दिसंबर को सभी सांसदों के आवास पर धरना दियाजाएगा।
9 दिसंबर को मोर्चे के 300 दिन पूर्ण होने पर सांसदों के घरों के सामने दिया जाएगा धरना
देश में पंजाब के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी किसान 9 दिसंबर को मोर्चे के 300 दिन पूर्ण होने पर सांसदों के घरों के सामने धरना प्रदर्शन करेंगे। इसको लेकर किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब को छोड़कर अन्य राज्यों में भी किसान अपने क्षेत्र के सांसदों के घर के सामने सुबह 8 से रात 8 बजे तक भूख हड़ताल करेंगे। वे यह धरना जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन के समर्थन में देंगे। पंजाब के किसानों की ड्यूटी सीमा को निरंतर मजबूत करने के लिए लगाई है।
प्रशासन ने किए पुख्ता की इंतजाम, अर्धसैनिक बल के साथ वाटर कैनन गाड़ियां भी तैनात
किसानों को दिल्ली कूच (KISAN AANDOLAN UPDATE) करने से रोकने हेतु प्रशासन की तरफ अर्धसैनिक बलों व पुलिस के अलावा वाटर कैनन की गाड़ियों को भी तैनात कर दिया गया। पुलिस की तरफ से किसानों को रोकने हेतु मजबूत घेराबंदी की गई है। इस घेराबंदी को तोड़ना किसानों के लिए बड़ी चुनौती होगी। आज दिल्ली कुछ के ऐलान को देखते हुए प्रशासन ने कल वीरवार दोपहर के बाद ही सभी नाकों पर डीएसपी की ड्यूटी लगा दी है। हालंकी हरियाणा के किसान संगठनों ने इस आंदोलन से अभी दूरी बना रखी है, लेकिन कुछ संगठनों के नेताओं ने दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर अत्याचार होने पर सहयोग करने से पीछे नहीं हटने की बात कही है। वर्तमान में पंजाब राज्य की तरफ से ही किसान के आ रहे हैं। हरियाणा के किसानों ने इस आंदोलन में अभी तक भाग नहीं लिया है। पंजाब से आ रहे किसानों को बॉर्डर पर रोकने के लिए प्रशासन ने अपनी तरफ से मजबूत नाकेबंदी की है। जिसे देखते हुए किसानों ने शंभू बॉर्डर से दिल्ली की तरफ आगे बढ़ने की योजना बनाई है।