Budget 2025: बजट 2025 में पीएम किसान योजना के तहत किसानों को मिलने वाले पैसों में होगी बढ़ोतरी, घर खरीदना होगा आसान

सस्ते मकान खरीदने के लिए सरकार बजट में प्रोत्साहित करने वाली है अभी केंद्र सरकार 35 लाख तक के मूल्य के मकान खरीदने को लेकर लिए जाने वाले लोन की ब्याज दरों में सब्सिडी दे रही है। परंतु आने वाले 1 फरवरी 2025 के बजट में 35 लाख तक की सीमा को बढ़ाकर 50 लाख तक किया जाएगा इससे सस्ते मकान की बिक्री बढ़ सकती है और निर्माण सेक्टर को प्रोत्साहन मिलने वाला है।
आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में सरकार लेगी यह फैसला
वित्त वर्ष 2025 -26 के बजट में सरकार निर्माण सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए इस प्रकार का फैसला लेने वाली है. सर्विस सेक्टर में सबसे ज्यादा रोजगार का सृजन निर्माण सेक्टर में ही होता है. परंतु पिछली चार तिमाही से निर्माण सेक्टर की बढ़ोतरी दर दिन भर दिन कम होती जा रही है। चालू वित्त वर्ष 24 -25 की दूसरी तिमाही में निर्माण सेक्टर में 7.7% की बढ़ोतरी आंकी गई थी पहली तिमाही में यह बढ़ोतरी 10.7% आकी गई थी। अंतिम तिमाही में यह बढ़ोतरी दर 13.0% थी उससे पहले की तिमाही में निर्माण सेक्टर में 8.7% का इजाफा हुआ था.
जानकारों का बताना है
कि सस्ते मकान की बिक्री लगातार कम होती जा रही है. housing.com और
proptiger.com के सीईओ अग्रवाल के अनुसार सब्सिडी की योग्यता सीमा में बढ़ोतरी के साथ होम लोन के ब्याज पर टैक्स सब्सिडी की सीमा को बढ़ाने से रियल एस्टेट सेक्टर को चुनौतियों से राहत मिल सकती है. सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने बताया कि पिछले कई सालों से टैक्स में छुठ के लिए 2 लाख तक के ब्याज की सीमा चली आ रही है ।इनकम टैक्स की पुरानी व्यवस्था के तहत होम लोन डायरेक्ट इनकम टैक्स में छुठ के लिए अधिकतम अपनी आय में 2 लाख तक का ब्याज का फायदा उठा सकते हैं.
पीएम किसान योजना के तहत मिल रही राशि में होगी बढ़ोतरी
1 फरवरी 2025 को पेश होने वाले बजट में पीएम किसान स्कीम के तहत किसानों को भी राहत दी जा सकती है। पीएम किसान के तहत पंजीकृत किसानों को साल में इस समय ₹6000 केंद्र सरकार की तरफ से दिए जा रहे हैं सूत्रों के माने तो ग्रामीण खपत को बढ़ाने के लिए सरकार पीएम किसान की राशि में बढ़ोतरी करने वाली है।
पीएम किसान की राशि में 1 फरवरी 2025 को बजट पेश में₹1000 का इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है इससे देश के लगभग 12 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा जानकारों का बताना है कि आगामी बजट में सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती खपत बढ़ाने की है क्योंकि चालू वित्त वर्ष 24- 25 में अर्थव्यवस्था की विकास दर कम होती हुई दिखाई दी है।