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Haryana News: हरियाणा में मकान और जमीन खरीदने हुए महंगे, सरकार ने 20% EDC चार्ज बढ़ाने का लिया फैसला

रियाणा प्रदेश में सरकार ने एडीसी के रेट में 20% बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। जिससे आमजन की जेब पर मकान या जमीन की खरीदारी के दौरान अतिरिक्त बोझ बढ़ना तय है। सरकार ने बाह्य विकास शुल्क के रेटों में लगभग 9 साल बाद बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। गौरतलब है कि 9 साल पहले वर्ष 2015 में सरकार द्वारा ईडीसी के रेट बए गए थे।
 
हरियाणा सरकार ने 9 साल बाद की EDC के रेटों में बढ़ोतरी

Haryana News: हरियाणा प्रदेश में आने वाले दिनों में जमीन और मकान खरीदने पर लोगों को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी। प्रदेश में जमीन और मकान महंगे होने के पीछे मुख्य कारण सरकार द्वारा की गई बाह्य विकास शुल्क (EDC) चार्ज में बढ़ोतरी है। सरकार के इस फैसले के बाद प्रदेश के कई शहरों में अब ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के फ्लैट और  प्लॉट के साथ किफायती मकान भी महंगे होने जा रहे हैं। हरियाणा प्रॉपर्टी कंसलटेंसी फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि बाह्य विकास सुलक (EDC) बढ़ाने से मकान के साथ-साथ फ्लैट की खरीदारी पर भी जेब पर अतिरिक्त बोझ बढ़ना तय है। सरकार द्वारा पहले कलेक्ट्रेट और अब बाह्य विकास शुल्क (EDC) बढ़ाने से मकान और जमीन दोनों महंगे हो जाएंगे।

हरियाणा सरकार ने 9 साल बाद की EDC के रेटों में बढ़ोतरी

हरियाणा प्रदेश में सरकार ने एडीसी के रेट में 20% बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। जिससे आमजन की जेब पर मकान या जमीन की खरीदारी के दौरान अतिरिक्त बोझ बढ़ना तय है। सरकार ने बाह्य विकास शुल्क के रेटों में लगभग 9 साल बाद बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। गौरतलब है कि 9 साल पहले वर्ष 2015 में सरकार द्वारा ईडीसी के रेट बए गए थे।  सरकार ने इस वर्ष ईडीसी के रेट में 20% बढ़ोतरी के अलावा अगले वर्ष अतिरिक्त 10% बढ़ोतरी का फैसला भी लिया है। ऐसे में प्रदेश में मकानों और प्लॉट की खरीदारी के दौरान लोगों की जेब पर अतिरिक्त बोझ बढ़ना तय माना जा रहा है।

प्रॉपर्टी के कारोबार पर नहीं पड़ेगा कुछ खास असर 

हरियाणा प्रदेश में सरकार द्वारा बढ़ाए गए EDC के रेटों के बाद आमजन की जेब पर तो इसका असर पड़ेगा, लेकिन प्रॉपर्टी का कारोबार करने वाले लोगों पर इसका खास असर दिखाई नहीं देगा। फरीदाबाद रियल एस्टेट में प्रॉपर्टी का कारोबार करने वाले अर्जुन ने बताया कि सरकार द्वारा हर वर्ष कलेक्टर रेट में बढ़ोतरी की जाती है। लेकिन सरकार द्वारा कलेक्ट्रेट में और अन्य टैक्स में बढ़ोतरी से प्रॉपर्टी के कारोबार पर इसका कुछ खास असर नहीं पड़ता। हालांकि सरकार द्वारा टैक्स में बढ़ोतरी करने पर आमजन की जेब पर थोड़ा अतिरिक्त बोझ अवश्य पड़ता है।

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