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Home loan लेना हुआ अब और भी सस्ता, RBI के रेपो दर घटाने के बाद PNB समेत 6 बड़े बैंकों ने घटाई ब्याज दरें

PNB समेत 6 बैंकों में पहले से सस्ता हुआ होम लोन पर ब्याज 
 
 
पंजाब नेशनल बैंक (PNB), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक ने अपनी रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में कटौती की है, जिससे होम लोन सस्ता हो गया है।

Home Loan Repo Rate: होम लोन लेना अब और भी आसान और सस्ता होगा है।  अधिक जानकारी के लिए बता दे कि RBI के रेपो दर घटाने के बाद PNB समेत 6 बड़े बैंकों ने होम लोन सस्ता कर दिया है। 

अक्सर देखा जाता है कि कुछ लोग अपने सपनो का घर बनाने के लिए अक्सर होम लोन का सहारा लेते है।  लेकिन बैंक कि ब्याज दरें देख वो डर से जाते है।  लेकिन अब ऐसे लोगों के लिए अच्छी खबर सामने आ रही है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 7 फरवरी 2025 को रेपो रेट में 0.25% (25 बेसिस पॉइंट) की कटौती कि है।  जिसके बाद ही  पंजाब नेशनल बैंक (PNB), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक ने अपनी रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में कटौती की है, जिससे होम लोन सस्ता हो गया है।

जानें क्या होती है Repo Linked Lending Rate (RLLR)?
अधिक जानकारी के लिए बता दे कि रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) वह दर होती है, जिस पर बैंक ग्राहकों को लोन देते हैं। यह सीधे RBI की रेपो रेट से जुड़ी होती है। इसी कि दरें ही बैंक में ब्याज से जुडी दरें निर्धारित कि जाती है। 

इन 6 बैंकों ने होम लोन पर घटाई बयाज दरें 
बैंक का नाम    पहले की RLLR    नई RLLR    लागू होने की तारीख

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया  (Union Bank of India )   9.25%    9.00%    11 फरवरी 2025
इंडियन ओवरसीज बैंक  (Indian Overseas Bank)   9.35%    9.10%    11 फरवरी 2025
पंजाब नेशनल बैंक (PNB)    9.25%    9.00%    10 फरवरी 2025
केनरा बैंक  ( Canra Bank)   9.25%    9.00%    12 फरवरी 2025
बैंक ऑफ बड़ौदा    ( BOB Bank) 9.15%    8.90%    10 फरवरी 2025
बैंक ऑफ इंडिया  ( Bank of India) 9.35%    9.10%    7 फरवरी २०२५

होम लोन ग्राहकों पर असर
अब ब्याज दरें कम हो जायगी ,जिससे होम लोन ( Home Loan) लेना सस्ता हो जायगा 
जिन ग्राहकों ने फ्लोटिंग रेट पर लोन लिया है, उन्हें इस कटौती का सीधा लाभ मिलेगा।

जिनका लोन RLLR से जुड़ा है, उनकी EMI घट सकती है या वे अपने लोन का कार्यकाल कम करके भी ब्याज दरों में राहत ले सकतें है। 
 

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