इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड अकाउंट ऑफ़ इंडिया ने ज्वॉइंट टैक्स फाइलिंग का दिया सुझाव, जानिए ज्वॉइंट टैक्स फाइलिंग के फायदे

इस समय भारत में पति-पत्नी को अलग-अलग आयकर रिटर्न भरना होता है। परंतु ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में जो आयकर प्रणाली है उसी हिसाब से नई आयकर प्रणाली को देश में अपनाने की मांग उठ रही है।
आईसीएआई ने पति-पत्नी के लिए एक ही आयकर रिटर्न प्रणाली अपनाने का सुझाव केंद्र सरकार को दिया है। अब जानने योग्य बात यह है कि इस बजट में सरकार इस प्रणाली को अपनाती है या नहीं अपनाती।
संयुक्त आयकर प्रणाली अपनाने से किस-किस परिवार को मिल सकता है लाभ
इस समय अलग-अलग आयकर रिटर्न भरने का लाभ उन परिवारों को मिलता है जहां पति-पत्नी दोनों कमाते हैं और किसी एक की सैलरी दूसरे से अधिक होती है तो ऐसे मामले में दंपति टैक्स में अलग-अलग कटौती का दावा कर सकते हैं। परंतु एक ही आय वाले परिवारों को इस लाभ से वंचित रहना पड़ता है।
इस प्रणाली से टैक्स का बोझ कम होगा
ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में संयुक्त आयकर फाइलिंग को मिलाकर और अतिरिक्त कटौती व क्रेडिट देकर टैक्स के बॉझ को कम किया जा सकता है। दावे के अनुसार संयुक्त फइलिंग के माध्यम से परिवार अतिरिक्त कटौती और अधिक अनुकूल टैक्स रेट को अपना कर अपनी कर देता को काफी कम कर सकते हैं।
इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड अकाउंट ऑफ़ इंडिया ने क्या दिया है सुझाव
इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड अकाउंट ऑफ़ इंडिया के अनुसार संयुक्त आयकर रिटर्न व्यवस्था में विवाहित जोड़े को एक टेक्स योग्य यूनिट माना जाएगा वही आयकर रिटर्न दाखिल करते समय उन्हें अपनी आय को संयोजित करने का भी विकल्प मिलेगा इससे वह अपने टैक्स के बोझ को कम कर सकते हैं।
कहां पर कितनी मिलेगी छूट की सीमा
इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड अकाउंट ऑफ़ इंडिया नेववाहित जोड़ों के लिए संयुक्त आयकर रिटर्न दाखिल करने की अनुमति देने का सुझाव दिया है 700000रुप ए की व्यक्तिगत आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है अगर विवाहित है तो परिवार के लिए छूट की सीमा 14 लाख रुपए हो जाएगी।