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Itr filling: आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तारीख यह, हर नौकरीपेशा व्यक्ति जिसकी सेलरी टैक्स स्लैब के तहत आती है, उसे आईटीआर फाइल करना जरूरी

 
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आईटीआई दा​खिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है। ऐसे में हर नौकरीपेशा व्य​क्ति जिसकी सेलरी टैक्स स्लैब के तहत आती है, उसे आईटीआर फाइल करना जरूरी है। बहुत से लोग यह सोचते हैं कि आईटीआर फाइल करते समय क्या पुरानी टैक्स रिजीम को नई टैक्स रिजीम में बदला जा सकता है, तो इसका उत्तर है हां। कोई भी आयकरदाता अपनी आईटीआर फाइल करते समय पुरानी टैक्स रिजीम को नई टैक्स रिजीम में बदल सकता है। 
 

जब भी कोई आयकरदाता आईटीआर फाइल करता है तो उसके पास दो ऑप्शन होते हैं। इसमें पुरानी टैक्स रिजीम और नई टैक्स रिजीम हैं। ऐसे में आयकरदाता किसी भी रिजीम के तहत आईटीआर दा​खिल कर सकता है। नई टैक्स रिजीम के तहत आयकरदाता को सालाना 12 लाख की आय पर कोई टैक्स नहीं भरना पड़ता है। वैसे तो इसके तहत कोई छूट नहीं मिलती लेकिन इसमें मुख्य रूप से सेक्शन 80सी शामिल है। इस सेक्शन 80सी के तहत पुरानी टैक्स रिजीम के अंतर्गत 1.5 लाख रुपये की छूट मिल जाती है। 
 

दोनों टैक्स रिजीम के अपने-अपने फायद
बहुत से आयकरदाताओं के मन में सवाल आता है कि क्या वह ओल्ड टैक्स रिजीम से नई टैक्स रिजीम में ​स्विच्कर सकते हैं, तो ऐसा हो सकता है। इसलिए जिस भी टैक्स रिजीम में आपको ज्यादा फायदा मिलता है, आप उसके अनुसार टैक्स पेय कर सकते हैं। वैसे तो दोनों ही टैक्स रिजीम के अपने-अपने फायदे हैं।
 

आपको आईटीआर फाइल करते समय टैक्स रिजीम का चयन करना पड़ता है। इसमें आप पुरानी और नई टैक्स रिजीम में से कोई एक चुन सकते हैं। इसका मतलब है कि यदि आपने पिछले साल ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत अपनी आईटीआर फाइल की है तो आप इस साल नई टैक्स रिजीम के तहत अपनी आईटीआर फाइल कर सकते हैं। 

जब आप आईटीआर दा​खिल करते हैं तो आपके पास ऑटोमेटिक् एक ऑप्शन आएगा, ​इसमें आपसे पूछा जाता है कि क्या आप सेक्शन 115BAC के तहत लगने वाई नई टैक्स रिजीम से बाहर रहना चाहते हैं। यदि आप हां का चुनाव करते हैं तो आप ऑटोमेटिक ओल्ड टैक्स रिजीम में ही रह जाएंगे और आपका टैक्स पुरानी टैक्स रिजीम के तहत ही काटा जाएगा। यदि आप नहीं का ऑप्शन चुनते हैं तो फिर आप नई टैक्स रिजीम में बदल जाते हैं और उसी के अनुसार आपका टैक्स कटेगा।