RBI CIBIL RULES:1 February 2025 से सिबिल स्कोर को लेकर रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने किये नए नियम लागू

Reserve Bank of India civil rules: सिबिल स्कोर बैंकिंग की दुनिया में व्यक्ति के व्यवहार को दर्शाता है। सिविल स्कोर व्यक्ति का अच्छा होता है तो उसे लोन फटाफट मिलता है। अगर सिबिल स्कोर में किसी प्रकार की गड़बड़ होती है तो लोन बहुत कम मिलने के आसार होते हैं। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने सिविल स्कोर से जुड़े कई नए नियम बनाए हैं आप भी बैंक ग्राहक है तो भविष्य में लोन लेने की सोचते हैं तो आपको सिविल स्कोर के इन नियमों को जानना आवश्यक है।
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की तरफ से सिबिल स्कोर से जुड़े कई महत्वपूर्ण अपडेट दिए गए हैं । सिबिल स्कोर से जुड़ी शिकायतों के चलते रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने नियमों के पहले से कड़ा कर दिया है नए नियमों के अनुसार क्रेडिट ब्यूरो में डाटा सुधार न होने के कारण बताना होगा।
शिकायतों के बारे में देनी होगी जानकारी
भारतीय रिजर्व बैंक के नए नियमों के अनुसार क्रेडिट ब्यूरो वेबसाइट पर प्राप्त हुई शिकायतों की संख्या के साथ-साथ शिकायत का कारण भी बताना होगा। ये नए नियम 1 फरवरी 2024 से लागू होंगे आईए इन नियमों के बारे में जानते हैं विस्तार से
बैंकिंग फाइनेंस एजेंसी या बैंक दोबारा की गई सिविल जांच की सूचना ग्राहक को देनी होगी
भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों को निर्देशित किया है कि अगर कोई बैंक या नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल एजेंसी किसी कस्टमर के क्रेडिट रिपोर्ट यानी सिविल स्कोर को चेक करती है तो यह जानकारी उपभोक्ताओं को देनी होगी इसके लिए एसएमएस या ईमेल को चुन सकते हैं भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रेडिट स्कोर को लेकर मिल रही शिकायतों के चलते यह नया नियम बनाया है।
रिजर्व बैंक की तरफ से जारी नए नियम में अर्जी को खारिज करने की वजह देनी होगी
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के नियम अनुसार किसी उपभोक्ता ने कोई अर्जी लगाई है। तो इसको रिजेक्ट किया जाता है तो उसे उपभोक्ता को खारिज करने के पीछे की जानकारी देनी होगी जिससे वह आगे के लिए इस बात को ध्यान में रखे। साथ ही सभी क्रेडिट इंस्टीट्यूशन को भी रिक्वेस्ट रिजेक्ट करने के कारण की लिस्ट भेजनी होगी।
भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से नए नियमों के अनुसार फ्री जांच सकेंगे फुल क्रेडिट रिपोर्ट
भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक क्रेडिट संस्थाओं को साल में एक बार फ्री फुल क्रेडिट स्कोर उपभोक्ता को दिखाने की सुविधा प्रदान करनी होगी इसके लिए क्रेडिट कंपनी वेबसाइट पर ही एक लिंक दे सकती है इससे ग्राहक अपनी फुल क्रेडिट रिपोर्ट की जांच कर सकता है और क्रेडिट रिपोर्ट की खामियों को भविष्य में सुधार सकता है।
किसी भी बैंक या फाइनेंस कंपनी के दोबारा लोन डिफॉल्ट घोषित करने से पहले देनी होगी ग्राहक को जानकारी
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के नए नियमों के अनुसार बैंकिंग कंपनी को अगर किसी भी उपभोक्ता को डिफाल्टर घोषित करना है तो पहले उपभोक्ता को किसी भी माध्यम से जानकारी देनी होगी ताकि वह क्रेडिट स्कोर से जुड़ी समस्याओं को निपटाने मैं समर्थ हो सके । बैंकों को नोडल अधिकारी रखने के निर्देश भी दिए गए हैं।
क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी को 30 दिन में निपटानी होगी शिकायत
क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी को हिदायत दी गई है कि 30 दिन के अंदर उपभोक्ता की शिकायत का निपटारा करना होगा। ऐसा नहीं करने पर कंपनी पर हर रोज 100 रुपए के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा। यह जितनी देरी कंपनी करेगी उतना ही जुर्माना लगता जाएगा। इसमें लोन उपलब्ध करने वाली संस्था को 21 और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का समय दिया गया है।
अगर लोन उपलब्ध करवाने वाली कंपनी 21 दिन में लोन देने वाली संस्था निपटारा नहीं करती है तो जुर्माना इस संस्था पर लगेगी वहीं अगर क्रेडिट ब्यूरो 9 दिन में शिकायत का निपटारा नहीं करता है तो इसका जुर्माना क्रेडिट ब्यूरो भुगतान करेगा।