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आयकर विभाग ने करोड़ों टैक्सपेयर्स को दिया झटका, टैक्स छूट नहीं देने को लेकर किए आदेश जारी

 

Income Tax: आयकर विभाग ने देश में करोड़ों टैक्सपेयर्स को बड़ा झटका दिया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने गुरुवार को कहा कि टैक्सपेयर्स उन खर्चों का टैक्स में कटौती (डिडक्शन) नहीं ले पाएंगे जो सेबी या कॉम्पिटिशन ऐक्ट सहित चार कानूनों के तहत शुरू हुई कार्रवाई को निपटाने के लिए किए गए हैं।
 

23 अप्रैल को जारी नोटिफिकेशन में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने साफ कर दिया कि चार तय कानूनों के उल्लंघन या डिफॉल्ट से जुड़ी कार्रवाई को सुलझाने पर हुआ कोई भी खर्च बिजनेस या प्रोफेशन का खर्च नहीं माना जाएगा। इसलिए ऐसे खर्च पर कोई डिडक्शन या अलाउंस नहीं मिलेगा।

एकेएम  ग्लोबल के टैक्स पार्टनर अमित महेश्वरी का कहना है कि इनकम टैक्स ऐक्ट, 1961 की धारा 37 (1) के तहत सेटलमेंट पेमेंट पर डिडक्शन मिलने को लेकर लंबे समय से कोर्ट में बहस चलती रही है। 
 

मिसाल के तौर पर केस 

इनकम टैक्स ऑफिसर बनाम रिलायंस शेयर ऐंड स्टॉक ब्रोकर्स (पी.) लि.' में सेबी को दिया गया कंसेंट फीस कमर्शल जरूरत बताते हुए बिजनेस खर्च माना गया था। उन्होंने कहा कि अब फाइनैंस ऐक्ट, 2024 के जरिए सीबीडीटी  ने बदलाव कर दिया है। भारत या विदेश के ऐसे किसी भी कानून के तहत सेटलमेंट या कंपाउंडिंग पर हुआ खर्च टैक्स में कटौती योग्य नहीं रहेगा।
 

महेश्वरी ने कहा कि यह फैसला पहले के ट्राइब्यूनल फैसलों को ओवरराइड करता है और टैक्स नियमों में जरूरी स्पष्टता लाता है। हालांकि एफईएमए और आरबीआई  के निर्देशों जैसे दूसरे रेगुलेटरी लॉज के तहत अभी भी कुछ अस्पष्टता बनी हुई है।

ये हैं चार कानून
 

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ऐक्ट, 1992

सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) ऐक्ट, 1956

डिपॉजिटरीज ऐक्ट-1996

कॉम्पिटिशन ऐक्ट-2002

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