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News :- डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के हमले को लेकर क्या कहा ?

होर्मुज जलडमरूमध्य बंद होने का खतरा, भारत की तेल आपूर्ति पर असर      भारत लगभग 36% कच्चा तेल यहीं से आयात करता है।

 

ईरान की संसद ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने के लिए वोट किया है, जिससे दुनियाभर में चिंता है। भारत अपनी तेल जरूरतों के लिए इस मार्ग पर कम निर्भर है। भारत लगभग 36% कच्चा तेल यहीं से आयात करता है। तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं, पर भारत ने कई कदम उठाए हैं।

नई दिल्ली: ईरान की संसद ने अमेरिका की ओर से उसके परमाणु ठिकानों पर हमले के जवाब में होर्मुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) को बंद करने के लिए वोट किया है। इस प्रतीकात्मक कदम से दुनिया भर में चिंता बढ़ गई है। लेकिन, भारत ने इस पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। सालों की रणनीतिक विविधता, दूरदर्शिता और आकस्मिक योजना ने भारत की इस अस्थिर मार्ग पर निर्भरता को काफी कम कर दिया है। भारत अपनी जरूरत का लगभग 36% कच्चा तेल इसी रास्ते से आयात करता है। ईरान के इस कदम से तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। लेकिन, भारत ने पहले से ही कई कदम उठा रखे हैं जिससे उसे ज्यादा परेशानी नहीं होगी। भारत ने तेल के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता कम की है और घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर भी ध्यान दे रहा है।

भारत के लिए होर्मुज जलडमरूमध्य क्यों जरूरी है?

भारत अपनी जरूरत का लगभग 20 लाख बैरल कच्चा तेल हर दिन होर्मुज जलडमरूमध्य से आयात करता है। यह भारत को इराक, सऊदी अरब, यूएई और कुवैत जैसे प्रमुख तेल निर्यातक देशों से जोड़ता है। यह जलडमरूमध्य दुनिया के लगभग 20% तेल शिपमेंट और वैश्विक लिक्विफाइड नैचुरल गैस (LNG) व्यापार का बड़ा हिस्सा संभालता है। इसलिए यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए जरूरी है।

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