Haryana Weather Alert: हरियाणा में सक्रिय हुए 2 पश्चिमी विक्षोभ सिरसा-हिसार समेत इन जिलों में अगले 4 दिन बारिश का अलर्ट,मैप द्वारा समझें मौसम विभाग का हाल

Haryana Weather Alert: हरियाणा में मौसम एक बार फिर करवट ले चूका है। प्रदेश के सिरसा हिसार समेत कई जिलों में बारिश के आसार बन रहे है। बता दे की अब काफी दिन के बाद किसानों के चेहरे पर ख़ुशी दिखी है। पिछले कुछ दिन से प्रदेश से बढ़ रहे तापमान से किसान काफी परेशान थे ,क्योंकि उनकी फसलों को नुकशान का सामना करना पड़ रहा था। अब हरियाणा में झमाझम बारिश होने वाली है क्योंकि प्रदेश में देर रात दो पश्चिमी विक्षोभ (Western disturbance) एक्टिव हो गए है।
इसके बाद तीन फरवरी से फिर से वर्षा होने की संभावना है। मौसम विज्ञानियों (Meteorologists) ने इस वर्षा का फसलों को फायदा बताया है। वहीं, न्यूनतम तापमान में उछाल होने के साथ तेज धूप खिलने से बढ़े तापमान में कमी आने की उम्मीद है।
5 फरवरी तक मौसम रहेगा परिवर्तनशील
अधिक जानकारी के लिए बता दे की मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में वर्षा होने से तापमान में कमी आएगी। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि हरियाणा में पांच फरवरी तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील बने रहने की संभावना है। लगातार दो पश्चिमी विक्षोभ (Western disturbance) के आंशिक प्रभाव से राज्य के मौसम में बदलाव की संभावना है।
पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव देर रात से मौसम बदल चूका है आज फरवरी के पहले दिन राज्य में आंशिक बादल तथा उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में (Northwest Territories) कुछ एक स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना है। 2 फरवरी को अलसुबह ही कई शहरों में कोहरे का कहर देखने को मिल सकता है।
परंतु एक और पश्चिमी विक्षोभ (Western disturbance) और अरब सागर से आने वाली नमी वाली हवाओं के प्रभाव से राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में तीन फरवरी की रात से पांच फरवरी के दौरान हवाओं व गरज चमक के साथ बूंदाबांदी या हल्की वर्षा की संभावना है। इस दौरान कुछ एक स्थानों पर मध्यम वर्षा की भी संभावना बन रही है। हरियाणा के सिरसा हिसार समेत कई जिलों में बारिश के आसार भी बन रहे है।
हरियाणा के इन जिलों में होगी बारिश
गर्मी में राहत दे सकता है ला-नीना
मध्य एवं पूर्वी प्रशांत महासागर में ला-नीना (La-neena) की स्थिति बन गई है। यह बेहद कमजोर है, फिर भी भारत के मौसम पर आंशिक असर पड़ना तय माना जा रहा है। कहा जा रहा कि यह अप्रैल तक सक्रिय रह सकता है। सामान्य तौर पर ला-नीना के दौरान प्रशांत महासागर की सतह का