जींद जिले के 700 शिक्षकों की वोट परीक्षण में लगी ड्यूटी, 170 स्कूल हो रहे हैं प्रभावित
Jind News: एसआईआर (स्पेशल समरी रिवीजन) शुरू होने से पहले जिला प्रशासन ने मतदाता सूची के परीक्षण और छंटनी का बड़ा अभियान शुरू किया है। इस कार्य के लिए जींद जिले में करीब 1036 बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) और 700 शिक्षक व 300 आंगनबाड़ी वर्करों की ड्यूटी लगाई गई है। इससे करीब 170 प्राइमरी व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में नियमित पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अनुमान है कि 10 हजार से अधिक बच्चे निर्धारित शिक्षण समय से वंचित हो चुके हैं।
जींद, उचाना, नरवाना, अलेवा, सफीदों और उचाना खंड के कुल 6 प्राइमरी स्कूलों में पड़ताल के दौरान 3 स्कूलों में दो-दो शिक्षक मौजूद थे। 3 में स्कूलों में एक शिक्षक 2 कक्षाओं को संभालते मिले। कक्षाओं में बच्चे बिना अध्यापक के बैठे मिले और कई कमरे पूरी तरह खाली थे। ज्यादातर शिक्षक मतदाता सूची परीक्षण के कार्य में बाहर मिलने के कारण स्कूलों में गतिविधियां लगभग ठप रहीं। अलेवा के एक गांव के स्कूल में 5 कक्षाएं और 3 स्वीकृत शिक्षक हैं, लेकिन केवल एक शिक्षक ही मौजूद मिला। उसने बताया कि अन्य दो शिक्षक सप्ताह में मुश्किल से दो दिन स्कूल आ पा रहे हैं, वह भी केवल आधा दिन। दूसरे स्कूल में स्टाफ 2 शिक्षकों का है, एक बीएलओ ड्यूटी में व्यस्त था। जींद शहर व ग्रामीण इलाके दोनों ही जगह हालात समान मिले। एक स्कूल में 3 स्वीकृत शिक्षक हैं, मगर मौके पर एक ही मिला। बाकी दोनों टीचर एसआईआर से पहले चल रहे वोटर लिस्ट परीक्षण लगे हुए थे।
जिले के कई स्कूलों में पहले से ही शिक्षकों की कमी
जिला प्रशासन मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए विशेष अभियान चला रहा है। इस चरण में बीएलओ टीमें मृत एवं स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाना, दोहराए गए नामों की पहचान कर सूची से मिटाना, नए योग्य मतदाताओं को जोड़ना, आधार-मतदाता सूची मिलान, घर-घर सत्यापन, इसके लिए जिले के कुल 1036 बीएलओ बूथों पर नियुक्त किए गए हैं, जिनमें 700 के करीब शिक्षक और 400 से अधिक जेबीटी शामिल हैं। जिले के कई स्कूल पहले से ही स्टाफ की कमी से जूझ रहे हैं। अब शिक्षकों को लगातार बीएलओ कार्य में लगाने से समस्या और बढ़ गई है।
शिक्षकों में रोष: गैर-शैक्षणिक कार्यों में झोंके जा रहे
शिक्षक वर्ग इस प्रक्रिया को लेकर गहरी नाराजगी जाहिर कर रहा है। उनका कहना है कि विभाग के निदेशक ने पहले ही स्पष्ट निर्देश जारी कर रखे हैं कि स्कूल समय में शिक्षण कार्य प्रभावित नहीं होना चाहिए। एक जेबीटी शिक्षक बताया मतदाता सूची का विश्लेषण और संशोधन समय लेने वाला काम है। अगर इसे स्कूल के बाद करवाया जाए तो कोई दिक्कत नहीं। लेकिन बार-बार स्कूल समय में ड्यूटी लगा देने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो जाती है।
