Children's Day 14 November: डीएवी शताब्दी पब्लिक स्कूल में बच्चों ने धूमधाम से मनाया चिल्ड्रन डे
Movie prime

Children's Day 14 November: डीएवी शताब्दी पब्लिक स्कूल में बच्चों ने धूमधाम से मनाया चिल्ड्रन डे

स्कूल प्रिंसिपल ने दी बच्चों को विज्ञान प्रतियोगिता की जानकारी
 
CHILDRENS DAY 14 NOVMBER
डी.ए. वी. स्कूल के बच्चे आज देश के विभिन्न क्षेत्रों में दे रहे हैं अपनी सेवाएं

Children's Day 14 November: डीएवी शताब्दी पब्लिक स्कूल जींद में बाल दिवस के अवसर पर कक्षा नर्सरी से यू.के.जी.श्रेणी तक के बच्चों का क्लास शो एवं कक्षा छठी से आठवीं तक के विद्यार्थियों की विज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन बड़े धूमधाम से किया गया। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए डीएवी पब्लिक स्कूल की प्राचार्या श्रीमती रश्मी विद्यार्थी ने सभी बच्चों को बाल दिवस की शुभकामनाएं देते हुए बताया कि डीएवी शताब्दी पब्लिक स्कूल में इस तरह के रंगारंग कार्यक्रम व प्रतियोगिताएं  बच्चों की विषय में रुचि बढ़ाने व आगे बढ़ने लिए समय-समय पर आयोजित होती रहती हैं।


निदेशक हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति डॉ. डी.डी.विद्यार्थी जी ने अभिभावकों का ध्यान उन बच्चों की ओर भी खींचा ,जो देशधर्म के लिए बलिदान हो गए जैसे बाबा बंदा सिंह जी का चार साल का बेटा धर्म बदलने के लिए तैयार नहीं हुआ और उसे बीच से चीर दिया गया। उन्होंने अपनी पुस्तकें नन्हें फरिश्ते और छोटे बच्चे बड़े बलिदान ऐसे  बहादुर बच्चों को समर्पित की। डॉ.धर्मदेव जी के प्रयासों से अब माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस की स्वीकृति प्राप्त हो गई है।वीर बाल दिवस उन महान् बहादुर बच्चों की याद में मनाया जाता है जो देश- धर्म की रक्षा के लिए कुर्बान हो गए। जिस उम्र में बच्चे खेलते- कूदते हैं ,उस उम्र में उन्होंने अपने बारे में न सोचकर देश- धर्म को सर्वोपरि मानते हुए देश के लिए दिल को दहला देने वाले अत्याचार सहे जैसे गुरु गोविंद सिंह जी के दो बेटे युद्ध में शहीद हो गए और दो को जिंदा दीवार में चिनवा दिया गया। फिर भी छोटे बेटे फतेह सिंह को यह दुख था कि वह देश पर अपने भाई जोरावर सिंह से बाद में कुर्बान होंगे।ऐसे बच्चों की वीरता की याद में ही वीर बाल दिवस मनाया जाता है।श्रीमती विद्यार्थी जी ने कहा कि बच्चों के लिए माता- पिता उनके भगवान होते हैं ।ये छोटे छोटे बच्चे मन के बहुत सच्चे होते हैं।इनको किसी से बैर भाव भी नहीं होता, ये बच्चे तो मिट्टी के कच्चे घड़े के समान होते हैं जिनको किसी भी आकार में ढाला जा सकता है। उन्हें सही व सुंदर आकार देना माता- पिता व गुरु का प्रथम कर्तव्य है।डी.ए. वी. स्कूल हमेशा अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए प्रयासरत रहता है अत: अभिभावकों को भी अपना कर्तव्य निभाने के लिए बच्चों के सुघड़ भविष्य को ध्यान में रखते हुए एक उचित विद्यालय का चुनाव करना चाहिए।

डी.ए. वी. स्कूल के बच्चे आज देश के विभिन्न क्षेत्रों में दे रहे हैं अपनी सेवाएं

डी.ए. वी. स्कूल के बच्चे आज देश के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं बड़े-बड़े पदों पर दे रहे हैं।आज बाल दिवस समारोह के अवसर पर ये छोटे-छोटे बाल अपने आत्मविश्वास के निर्माण की पहली सीढ़ी चढ़ रहे हैं।बाल दिवस के दिन बच्चे उत्साहित होकर अपनी मनपसंद प्रस्तुतियां देते हुए अपना भोलापन व चंचलता बिखेरते हैं।इस कार्यक्रम में लगभग दो सौ पचास बच्चों ने भाग लिया।नर्सरी अ1 के विद्यार्थियों ने 'आई एम सो हैप्पी' गाने पर नृत्य किया, नर्सरी अ2 के बच्चों ने' सा से होता है स्कूल' गाने पर नृत्य किया व नर्सरी अ3 के बच्चे 'धड़क धड़क धुआं उड़े रे' गाने पर नाचे। इसी तरह एल.के.जी. अ1 के बच्चों ने स्वागत गीत पर अपनी प्रस्तुति दी, एल.के.जी. अ2 के बच्चों ने 'आज है संडे 'गाने पर नृत्य किया व एल.के.जी. अ3 के बच्चों ने 'आज गर्भ में चीख रही है बेटी हिंदुस्तान की' गाने पर नृत्य कर बेटियों को बचाने का संदेश दिया व 'छोरा में हरियाणा का' गाने पर नृत्य करके हरियाणा के लड़कों के जीवन के बारे में बताया। वहीं दूसरी और यू.के.जी. अ1 के बच्चे देशभक्ति गीत 'आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की' गाने पर व यू.के.जी.अ2  के बच्चे 'जंगल -जंगल बात चली है पता चला है चड्डी पहन के फूल खिला है 'गाने पर थिरके।अभिभावक अपने बच्चों की प्रस्तुतियां देखकर भावविभोर हो रहे थे। बच्चों के उत्साहवर्धन के लिए उन्हें रिफ्रेशमेंट भी दी। 

स्कूल प्रिंसिपल ने दी बच्चों को विज्ञान प्रतियोगिता की जानकारी

विज्ञान प्रतियोगिता की जानकारी देते हुए श्रीमती विद्यार्थी ने बताया कि कक्षा छठी से आठवीं तक के बच्चों की यह विज्ञान प्रतियोगिता चार चरणों में संपन्न हुई, जिसमें एक चरण बूझो तो जानो,विजुअल व बोर्ड वर्क, गतिविधि चरण और रैपिड फायर मुख्य रहे। जिनमें बच्चों ने बड़े ही उत्साह के साथ भाग लेते हुए प्रदर्शन किया। प्रतिभागियों के साथ-साथ ऑडियंस ने भी उत्साह के साथ बढ़-चढ़कर सवालों के जवाब दिए। इस प्रतियोगिता में कुल 16 विद्यार्थियों ने भाग लिया। श्रीमती विद्यार्थी ने प्रतियोगिता परिणाम की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि प्रथम स्थान पर जे.सी. बॉश टीम रही जिसमें मानवी ,आयुष, सानवी और निकुंज रहे। दूसरे स्थान पर सी.वी. रमन टीम रही जिसमें नूर ,युग, सुकृति और अरमान रहे। तीसरे स्थान पर डॉ. विक्रम साराभाई टीम रही जिसमें अजितेश ,काव्या, ईशांत और युवराज रहे। इस मौके पर श्रीमती विद्यार्थी ने विद्यार्थियों का उत्साह वर्धन करने हेतु प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर आने वाले विद्यार्थियों को मेडल पहनाकर और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। दर्शकों में से भी उत्तर देने वाले विद्यार्थियों का पुरस्कार देकर उत्साहवर्धन किया। सुपरवाइजर श्री विजय पाल, श्री जसबीर,श्री प्रवीण, श्रीमती मंजू परुथी तथा सभी अध्यापकगण इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।