GEETA JAYANTI MAHOTSAV: जिला स्तरीय गीता जयंती महोत्सव में दिखाई दे रही सांस्कृतिक विरासत

GEETA JAYANTI MAHOTSAV: जींद में जिला स्तरीय गीता जयंती महोत्सव में अध्यात्म, कला, ज्ञान व संस्कृति के संगम को समर्पित होकर शोभायमान रहा। महोत्सव के दौरान सांस्कृतिक विधा के रूप में जहां गीता ज्ञान की गंगा प्रवाहित हुई वहीं सरकार की जनहितकारी नीतियों व योजनाओं की जानकारी लोगों तक प्रदर्शनी के माध्यम से पहुंचाई गई। सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग हरियाणा व जिला प्रशासन की संयुक्त भागीदारी के साथ आयोजित तीन दिवसीय जिला स्तरीय गीता जयंती महोत्सव का शुभारंभ दूसरे दिन विधिवत रूप से रिबन काटकर अतिरिक्त उपायुक्त एवं गीता जयंती समारोह के जिला नोडल अधिकारी विवेक आर्य द्वारा किया गया।
अतिरिक्त उपायुक्त विवेक आर्य ने गीता महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर जिला वासियों को अपना संदेश देते हुए कहा कि गीता के सार के बिना मानव जीवन का उद्घार नहीं हो सकता। आज हमें गीता से प्रेरणा लेकर ही आगे बढ़ना चाहिए क्योंकि गीता ही हमें जीवन में विपत्तियों, अंधकार व कठिनाई में आगे बढ़ने की राह दिखाती है। उन्होंने कहा कि धर्म में कर्म को प्रधान माना गया है। श्रीमद्भागवत गीता में संपूर्ण मानवता का सार समाहित है, जिसमें यह विदित है कि जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है उन्हें उसी प्रकार से फल की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति के कर्मों के आधार पर अपना जीवन व्यतीत करता है उन्हें सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है और वह कई प्रकार की समस्याओं से दूर रहते हैं। कर्म महान है, कर्म से ही आदमी महान व बड़ा बनता है। उन्होंने अपने निजी जीवन की घटना का जिक्र करते हुए बताया कि जब मैं सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा था तो मैने पढाई के परिणाम पर फोकस कर परीक्षा दी लेकिन किसी कारणवस मैं प्रथम वर्ष में उर्तीण नहीं हो सका। इसके बाद मैने गीता ज्ञान से प्रभावित होकर परिणाम पर फोकर न करके सिर्फ पढ़ाई पर फोकस किया तो दूसरी बार में उर्तिण हो गया। उन्होंने कहा कि धर्म हमें कर्तव्य के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है अर्थात कर्मों के साथ फलों को नहीं जोड़ना चाहिए। बच्चे स्कूल में जाते हैं, यह उनका धर्म है, पढ़ाई करना धर्म है, लेकिन परीक्षा में कौन कितने अंक लेता है इसकी परवाह कदापि न करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गीता के श्लोक हमें जमीन से जोड़े रखते है, गीता के अंदर ऐसे-ऐसे कई श्लोक है जिनसे हम अपने जीवन में सुधार कर सकते है।
उन्होंने कहा कि गीता विपत्तियों में सहारा देती है। व्यक्ति के जीवन में विपत्तियों, अंधकार व कठिनाई होती है तो गीता हमें राह दिखाती है। गीता के छोटे से सार को पढ़ने के बाद हमारे जीवन के हर संशय को दूर किया जा सकता है।
सेल्फी प्वाइंट बना आकर्षण का केंद्र
महोत्सव में प्रवेश करते ही बनाया गया कलात्मक भगवान श्रीकृष्ण के चित्र वाला सेल्फी प्वाइंट सभी दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा। कलात्मक आकृति से तैयार किया गए इस सेल्फी प्वाइंट पर मुख्य अतिथि सहित दिन भर स्कूली बच्चों सहित अधिकारी, कर्मचारी तथा शहर व ग्रामीण क्षेत्रों से आए नागरिक सेल्फी लेते देखे गए।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव ने किया गीता जयंती महोत्सव का दौरा
जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं चेयरमैन, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री यशवीर सिंह राठौर के मार्गदर्शन में मंगलवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी-कम-सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती मोनिका ने रंगशाला पटवार भवन में आयोजित गीता जयंती महोत्सव का दौरा किया। इस दौरान प्राधिकरण सचिव ने प्राधिकरण द्वारा स्थापित हेल्प डेस्क स्टॉल और अन्य सभी स्टॉलों का भी निरीक्षण किया।
पैनल अधिवक्ता श्री देवराव मलिक ने कार्यक्रम में शामिल लोगों को आगामी 14 दिसंबर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत की जानकारी दी। यह लोक अदालत जिला न्यायिक परिसर जींद और उपमंडल स्तर पर नरवाना व सफीदों में आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि लोक अदालत का उद्देश्य न्यायालय में लंबित मामलों का समाधान आपसी सहमति और सौहार्दपूर्ण तरीके से करना है। इसके माध्यम से मामलों का निपटारा आपसी सुलह के आधार पर किया जाएगा, जिससे लोगों को सस्ता और त्वरित न्याय मिलेगा। पैनल अधिवक्ता ने हेल्पलाइन नंबर 15100 और नालसा पोर्टल (दंसें.हवअ.पद) की जानकारी भी साझा की। इस हेल्पलाइन और पोर्टल के माध्यम से मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने लोगों से अपील की कि इन सुविधाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाया जाए और इन्हें जन-जन तक पहुंचाया जाए।