निर्माणाधीन हाईवे-47 पर खतरे और टोल वसूली, वाहन चालक परेशान
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निर्माणाधीन हाईवे-47 पर खतरे और टोल वसूली, वाहन चालक परेशान

 
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Harda News: इंदौर-बैतूल नेशनल हाईवे 47 का निर्माण कई स्थानों पर अधूरा है, जिससे वाहन चालक परेशान हैं। हरदा से हंडिया के बीच कई हिस्से जर्जर हैं, और गड्डों के कारण रोजाना वाहन चालक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। कबीट वाले नाले के पास लगभग डेढ़ माह से 350 एमएम की नर्मदा पाइपलाइन फूटी हुई है। पाइपलाइन के पास आवारा मवेशियों का डेरा लगा रहता है, और बड़े वाहनों के दबाव से पानी लगातार रिस रहा है।

नगर पालिका ने पाइपलाइन की मरम्मत के लिए लगातार तीन पत्र लिखे हैं, लेकिन नेशनल हाईवे निर्माण विभाग ने अभी तक इसे दुरुस्त नहीं किया है। पाइपलाइन शिफ्टिंग का काम तीन स्थानों—कबीट वाले नाले, कुसिया और तलाई टप्पर के पास—होना बाकी है। कार्य पूरा होने के बाद बार-बार पाइपलाइन फूटने की समस्या और पानी की सप्लाई में रुकावटों से निजात मिलेगी।

वहीं, नेशनल हाईवे के किनारे आवारा मवेशियों का डेरा भी समस्या बना हुआ है। कुसिया के सरपंच ने बताया कि पिछले दिनों तलाई टप्पर के पास डंपर की टक्कर में छह मवेशियों की मौत हो गई। कलेक्टर द्वारा आवारा मवेशियों को हटाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे वाहन चालकों की मुश्किलें बढ़ रही हैं।

हाईवे का निर्माण अधूरा होने के बावजूद टोल वसूली जारी है। टेमागांव से पिड़गांव के बीच 30 किमी फोरलेन 555 करोड़ रुपए की लागत से बन चुका है, जबकि पिड़गांव से ननासा तक 55 किमी का निर्माण 867 करोड़ रुपए की लागत से तेजी से चल रहा है। हरदा और देवास जिलों के बीच नर्मदा नदी पर बने 720 मीटर लंबे और 25 मीटर चौड़े टू-लेन ब्रिज का निर्माण पूरा हो चुका है।

प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बताया कि हाईवे के बेरिकेड्स चिन्हित कर दिए गए हैं और बारिश के बाद शिफ्टिंग और मरम्मत का कार्य किया जाएगा। इससे न केवल वाहन चालकों की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि पानी की सप्लाई और मवेशियों से जुड़ी समस्याओं का समाधान भी होगा।

हालांकि, अधूरा निर्माण और टोल वसूली ने स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ा दिया है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही सभी कार्य पूरे होंगे और हाईवे सुरक्षित तथा निर्बाध रूप से चल सकेगा।