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Haryana Electric Buses : 26 जनवरी से चलने वाली इलैक्ट्रिक बसें नहीं आ रही रोडवेज कर्मचारियों को रास, दे डाली बड़े आंदोलन की चेतावनी, यहां समझिये पूरा माजरा 

Haryanaline:  रोडवेज (Haryana Roadways) बस कर्मचारियों द्वारा इसका विरोध देखा जा रहा है। शनिवार को सांझा मोर्चा की अध्यक्षता में रोहतक बस स्टैंड पर मीटिंग कर विरोध जताया है। 
 
दे डाली बड़े आंदोलन की चेतावनी

Haryana Electric Buses :  हरियाणा में आमजन की सुविधा के लिए हरियाणा सरकार एल्क्ट्रिक बसों (Electric Buses) की शरुवात देने जा रही है। जिसमे किराया भी जनता के बजट के अनुसार रहने वाला है, लेकिन कर्मचारी ने इन बसों का विरोध करना शरू कर दिया है।

 26 जनवरी को 5 जिलों में चलेगी इलेक्ट्रिक बस
बता दे की सरकार द्वारा आमजन को सुविधा देने के लिए  26 जनवरी को 5 जिलों में इलेक्ट्रिक बसें चलाई जानीं है।

कर्मचारियों ने शरू किया विरोध 

बता दे की हरियाणा रोडवेज (Haryana Roadways) बस कर्मचारियों द्वारा इसका विरोध देखा जा रहा है। शनिवार को सांझा मोर्चा की अध्यक्षता में रोहतक बस स्टैंड पर मीटिंग कर विरोध जताया है। 

यहाँ समझिये पूरा माजरा 
बता दे की की कर्मचारियों को कहीं ना कहीं लग रहा है की सरकार अपने कदम निजकरण (Privatization) की तरफ बढ़ा रही है। जिसके बाद कर्मचारियों ने इसका जमकर विरोद करना शरू कर दिया है। 

अधिक जानकारी के लिए बता दे की सांझा मोर्चा के सदस्य सुमेर सिवाच ने बताया कि सरकार जनता को 5 जिलों में इलेक्ट्रिकल बस चलाकर परिवहन विभाग का निजीकरण करना चाहती है क्योंकि इन बसों से जनता और सरकार को नुकसान होगा। 

उन्होंने कहा कि इन बसों को 62 रुपए 37 पैसे पर किलोमीटर के हिसाब से चलाया जा रहा है जो काफी महंगी है। इन बसों में परिचालक रोडवेज विभाग का होगा और चालक कंपनी का होगा। पैसा भी प्राइवेट बैंक के जॉइंट खाते ( Joint Account) में जमा होगा जो गलत बात है। 

उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि इस विभाग को खत्म करना चाहती है। जिससे जनता को सीधा नुकसान होने वाला है। क्योंकि सरकारी बसों में छात्र, महिलाएं, बुजुर्ग व स्टाफ का कोई पैसा नहीं लगता, लेकिन इन बसों में कोई स्टाफ व पास ( School pass)मान्य नहीं होगा।

इससे पहले भी सरकार ऐसी योजना लेकर आई थी लेकिन कर्मचारियों ने उसका विरोध किया था। अब फिर इन बसों को लाकर सरकार (Haryana Goverment) विभाग को खत्म करने पर तुली हुई है, जिसको कर्मचारी किसी सूरत में बर्दाश्त नही करेंगें।

आज सांझा मोर्चा की मीटिंग हुई है, अगर सरकार इस योजना को वापस नहीं लेती है तो कर्मचारी बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।