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Haryana News: किसान नेता डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ी,  खनौरी बार्डर पर किसानों के बीच पहुंचे सांसद दीपेंद्र हुड्डा  

सांसद दीपेंद्र हुड्डा के साथ सांसद जयप्रकाश ‘जेपी’, सांसद सतपाल ब्रह्मचारी, सांसद वरुण चौधरी समेत 5 विधायक, पूर्व विधायक खनौरी बार्डर पहुंचे 
 
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 सरकार हठधर्मिता छोड़े, 9 दिसंबर 2021 को आंदोलनकारी किसानों व सरकार के बीच हुए समझौते को लागू करे - दीपेंद्र हुड्डा

HARYANA NEWS: हरियाणा प्रदेश के खनोरी बॉर्डर पर पिछले लगातार कई दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाला की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है। आज सांसद दीपेंद्र हुड्डा, सांसद जयप्रकाश ‘जेपी’, सांसद सतपाल ब्रह्मचारी, सांसद वरुण चौधरी, विधायक अशोक अरोड़ा, विधायक रामकरण काला, विधायक नरेश सेलवाल, विधायक इंदुराज नरवाल, विधायक जस्सी पेटवाड़, पूर्व विधायक मेवा सिंह के साथ खनौरी बार्डर पर किसानों के बीच पहुंचे और पिछले 24 दिनों से अनशन पर बैठे सरदार जगजीत सिंह डल्लेवाल जी के स्वास्थ्य का हाल जाना। सांसद दीपेंद्र हुड्डा कहा कि डल्लेवाल जी की हालत बेहद गंभीर है। सरकार तुरंत एमएसपी गारंटी देने की किसानों की मांग माने और डल्लेवाल जी का अनशन खत्म कराए। दीपेन्द्र हुड्डा ने यह भी कहा कि कहा कि सरकार हठधर्मिता छोड़े और किसान आंदोलन के बाद 9 दिसंबर 2021 को सरकार व किसान संगठनों के बीच हुए समझौते को तुरंत लागू करे।   

सरकार करे MSP के वादे को पूरा

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सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि 9 दिसंबर 2021 को आंदोलनकारी किसानों व सरकार के बीच हुए समझौते में MSP को अमलीजामा पहनाकर लीगल गारंटी देने का वायदा प्रमुख था। लेकिन इसे आज तक सरकार ने पूरा नहीं किया। सरकार की इस वायदाखिलाफी से पूरे देश के किसानों में बेचैनी है। किसान अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। पिछली बार हुए किसान आंदोलन के समय भी केंद्र की बीजेपी सरकार की जिद के चलते 750 किसानों को अपनी कुर्बानी देनी पड़ी थी। किसान अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर से खनौरी बॉर्डर, शंभु बॉर्डर के मोर्चे पर बैठे हैं क्योंकि लंबा समय बीतने के बाद भी सरकार समझौते को लागू नहीं कर रही है। दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग करी कि सरकार बिना किसी देरी के एमएसपी की गारंटी देने का कानून बनाए। दीपेन्द्र हुड्डा ने यह भी कहा कि अगर 101 किसान दिल्ली आकर अपनी मांगें रखना चाहते हैं तो इसमें सरकार को क्या आपत्ति है? क्या देश के किसान को ये भी अधिकार नहीं कि वो अपनी बात कहने देश की राजधानी में जा सके।