Success story: हरियाणा में भिवानी के हार्दिक व लावण्या पिता से दौड़ के गुर सीख बने लंबी दौड़ के धावक, ‘एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड' में किया नाम दर्ज

Success story of Hardik and Lavanya: हरियाणा प्रदेश के भिवानी शहर के महाराणा प्रताप कॉलोनी निवासी हार्दिक व लावण्या लंबी दूरी की दौड़ लगाकर कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। दोनों सगे भाई-बहन अपने पिता से दौड़ के गुर सीख हॉफ मैराथन तक का सफर घंटों में तय कर लंबी दोड़ के धावक बन गए हैं। छोटी सी उम्र में ये उभरते खिलाड़ी अपनी प्रतिभा के दम पर एशिया व इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज करवा कर जिले व राज्य का नाम रोशन कर चुके हैं।
अपने शुरुआती समय में हार्दिक व लावण्या ने बैडमिंटन खेलना शुरू किया। लेकिन अपने पिता को दौड़ता देख बैडमिंटन छोड़ दोनों भाई-बहनों ने दौड़ का अभ्यास शुरू किया। जानकारी देते हुए हार्दिक व लावण्या के पिता राजेश तंवर ने बताया कि हार्दिक व लावण्या ने शुरू में शौकिया दौड़ना शुरू किया। जब उन्हें लगा कि दोनों बच्चे कुछ कर सकते हैं तो मैराथन में उनकी दौड़ करवा कर देखी गई। लेकिन वहां दोनों भाई-बहन ने अच्छा प्रदर्शन किया। इसके बाद 3 मार्च 2024 को फरीदाबाद हॉफ मैराथन में लावण्या पहली बार प्रतिभागी बनी और और एक घंटा छः मिनट चालीस सेकंड में दस किलोमीटर की दूरी तय की। लावण्या की ये पहली सफलता थी।
लावण्या ने 11 वर्ष 3 महीने और 5 दिन की छोटी सी उम्र में गुरुग्राम में स्थित ताऊ देवीलाल स्टेडियम में ट्रैक पर 15 किलोमीटर की दूरी को एक घंटा 22 मिनट 43 सेकंड में पूरा कर अधिकतम ट्रैक ऑफ दूरी तय करने का खिताब अपने नाम किया। इसके बाद लावण्या ने कई स्पर्धाओं में हिस्सा लिया और शानदार प्रदर्शन किया। इसी के चलते लावण्या का नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ।
बच्चों की तैयारी के लिए पिता ने छोड़ी नौकरी
हार्दिक व लावण्या के पिल्ला ने बताया कि वह पेशे से शहर के निजी महाविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत थे। लेकिन बच्चों से बढ़कर कुछ नहीं है। उनकी असली कमाई उनके बच्चे है। इसलिए उन्होंने दोनों बच्चों की तैयारी को महत्व देते हुए अपने कार्य को छोड़कर उन्हें सफलता दिलवाने में जुट गए। उन्होंन कहा कि जिस उद्देश्य से लक्ष्य निर्धारित कर जो फैसला लिया था। उसका परिणाम भी दोनों बच्चों ने देना शुरू कर दिया है।
रोजाना 5 से 15 किलोमीटर लगाते हैं दौड़, पैकिंग बंद खाद्य सामग्री से रखते हैं दूरी
शहर के इलासिया स्कूल के खेल मैदान पर 12 वर्षीय हार्दिक व 11 वर्षीय लावण्या रोजाना पांच से पंद्रह किलोमीटर की दौड़ लगाकर अभ्यास करते हैं। दोनों भाई-बहन रोजाना सुबह उठकर अपना अभ्यास शुरु करते हैं। अपने पिता राजेश तंवर से दौड़ लगाने के गुर सीख हार्दिक व लावण्या ने मैराथन जैसी स्पर्धाओं में भी पदक जीत कर जिले व राज्य का नाम रोशन किया है।
हार्दिक व लावण्या ने बताया कि वे किसी भी प्रकार का नॉनवेज नहीं खाते हैं। घर पर माता आरती तंवर के हाथ का बना हुआ शुद्ध खाना खाते हैं। उनकी माता चने व सूखा मेवा भीगोकर देती हैं।
लावण्या ने की है यह उपलब्धियां हासिल
* मार्च 2024 में आयोजित फरीदाबाद हॉफ मैराथन में लावण्या ने दस किलोमीटर की दूरी एक घंटा छह मिनट चालीस सेकंड में पूरी की।
* अगस्त 2024 में आयोजित रेवाड़ी मैराथन में लावण्या ने दस किलोमीटर की दूरी एक घंटा एक मिनट एक सेकंड में पूरी की।
* गुरुग्राम में स्थित खेल स्टेडियम में लावण्या को 15 किलोमीटर की दूरी एक घंटा 22 मिनट 43 सेकंड में पूरा कर अधिकतम ट्रैक ऑफ दूरी तय करने पर एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स का खिताब मिल चुका है।
हार्दिक ने हासिल की है यह उपलब्धियां
* अगस्त 2024 में आयोजित रेवाड़ी मैराथन में हार्दिक ने दस किलोमीटर की दूरी 54 मिनट 14 सेकंड में पूरी की।
* फरवरी 2024 में गुरुग्राम मैराथन में हार्दिक ने दस किलोमीटर की दूरी दौड़ लगाकर पूरी की।
* मार्च 2024 में आयोजित फरीदाबाद हॉफ मैराथन में हार्दिक ने दस किलोमीटर की दूरी दौड़ लगाकर 59 मिनट 43 सेकंड में पूरी की।
* गुरुग्राम में स्थित खेल स्टेडियम में ट्रैक पर हार्दिक को अपनी उम्र में अधिकतम 15 किलोमीटर की दौड़ एक घंटा 18 मिनट 39 सेकंड में पूरा करने पर एशिया बुक ऑफ रिकॉडर्स का खिताब मिल चुका है