Weather Update: हरियाणा में फरवरी महीने में कड़ाके की ठंढ के लिए रहे तैयार, 5 से 6 पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना, गिरेगा लगातार तापमान
Haryanaline: प्रदेश में एक बार फिर से मौसम पूरी तरह बदल चुका है। आने वाले दिनों में मौसम विभाग का कहना है की तापमान में गिरावट आएगी। वहीँ कई जिलों में एक बार फिर बारिश के आसार बन रहे है। वहीं आज सुबह से दक्षिण पूर्वी हवाएं चलने से वातावरण में नमी बढ़ने से धुंध देखने को मिली।

Haryana Weather Update In Februray: हरियाणा में मौसम का मिजाज अब बदल चुका है। यही नहीं आने वाले दिनों में भी ठंढ का दौर प्रदेश में जारी रहने वाला है। बता दे की प्रदेश में आज मौसम विभाग ने कई जिलों में धुंध का अलर्ट जारी किया है।
वहीँ सुबह से शाम तक प्रदेश में धुंध का कहर देखा गया है। शाम होते होते प्रदेश में एक बार फिर धुंध सभी जिलों में पूरी तरह देखि जा सकती है। लगातार प्रदेश के तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है।
फरवरी महीने में हरियाणा का गिरेगा तापमान
बता दे की प्रदेश में एक बार फिर से मौसम पूरी तरह बदल चुका है। आने वाले दिनों में मौसम विभाग का कहना है की तापमान में गिरावट आएगी। वहीँ कई जिलों में एक बार फिर बारिश के आसार बन रहे है। वहीं आज सुबह से दक्षिण पूर्वी हवाएं चलने से वातावरण में नमी बढ़ने से धुंध देखने को मिली।
फरवरी महीने में 5 से 6 पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगी बारिश
अधिक जानकरी के लिए बता दे की मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार फरवरी महीने के पहले पखवाड़े में लगातार ठंड देखने को मिलेगी। जबकि फरवरी के दूसरे पखवाड़े में ठंड कम हो जाएगी।
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार फरवरी महीने में 5 से 6 पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है, जिसमें केवल 2 पश्चिमी विक्षोभ से हल्की बारिश होने की संभावना है। फरवरी महीने के पहले पखवाड़े में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। 1 फरवरी को पश्चिमी विक्षोभ कमजोर रहा।
उन्होंने कहा कि 3 फरवरी, 11 फरवरी और 15 फरवरी को पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इससे मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। दिन और रात के तापमान में लगातार उतर चढाव देखने को मिलने वाला है। वहीँ इस गिरते तापमान से किसानों की फसलों को भी खूब फायदा हो रहा है।
आने वाले कई दिनों तक मौसम में उतर चढ़ाव जारी रहेगा। जबकि महीने के अंत में जाकर एक बार फिर तापमान में विर्धि होगी। जो फसलों को भी ज्यादा नुकशान नहीं पहुंचाएगी ,