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हरियाणा के जींद जिले में बिजली उपभोक्ताओं पर 1477 करोड़ बकाया, सरकारी कार्यालयों पर भी 7 करोड़ का कर्ज 
 

जींद जिले में ग्रामीण छेत्र बिल भरने में कुछ आगे है लेकिन शहरी छेत्र में कुछ ज्यादा ही है। जिले में कुल एक लाख 7149 बिजली उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनकी तरफ बकाया बिल है। इनमें ग्रामीण क्षेत्र के 13684 उपभोक्ताओं पर बिल बकाया है। इसके अलावा शहरी क्षेत्र में 59285 उपभोक्ताओं ने बिजली बिल नहीं भरे हैं। 

 
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आज के इस आधुनिक जीवन में बिजली कि सब को जरूरत है।  लेकिन जब बिल भरने का समय आता है तो सभी को सांप सूंघ जाता है।  ऐसा हाल हरियाणा के जींद जिले का है। क्योंकि जिले के बिजली उपभोक्ता बिल को बिल्कुल इग्नोर किया जा रहा है ।

जींद में बकाया है 1477 करोड़ 
 अधिक जानकारी के लिए बता दे कि अकेले जींद में निगम का 1477 करोड़ बकाया है। हर साल यह राशि बढ़ती जा रही है।  लेकिन कोई भी उभोक्ता इसे सीरियस लेने का काम नहीं कर रहा है।  बता दे कि डिफाॅल्टर उपभोक्ताओं को लेकर अब बिजली विभाग सख्त होने जा रहा है, जिसके चलते डिफाॅल्टर उपभोक्ताओं की सूची तैयार कर उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटे जाएंगे। वहीँ अगर उपभोक्ता को डिफाल्टर होने से बचना है तो फिर उसे जल्द से जल्द बिल भरना होगा। 

सात हजार कनेक्शनों का बिल बकाया 
मिली जानकारी के अनुसार बता दे कि जींद जिले में ग्रामीण छेत्र बिल भरने में कुछ आगे है लेकिन शहरी छेत्र में कुछ ज्यादा ही है। जिले में कुल एक लाख 7149 बिजली उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनकी तरफ बकाया बिल है। इनमें ग्रामीण क्षेत्र के 13684 उपभोक्ताओं पर बिल बकाया है। इसके अलावा शहरी क्षेत्र में 59285 उपभोक्ताओं ने बिजली बिल नहीं भरे हैं। 

कटे कनेक्शनों में बकाया है 35 करोड़ रूपए 
जिले में 7020 ऐसे हैं, जिनके कनेक्शन काटे जा चुके हैं और उन पर 35 करोड़ से ज्यादा राशि बकाया है। एचटी और एलटी उद्योगों के 680 कनेक्शन ऐसे हैं, जिनका बिल नहीं भरा गया है। नगर परिषद के 57 कनेक्शन हैं और उन पर लगभग 51 लाख की राशि बकाया है। मार्केट कमेटी के पांच, सिंचाई विभाग के 22, पीडब्ल्यूडी के 316, पंचायतीराज के 51, कृषि विभाग के 25,841 के अलावा अन्य सरकारी विभागों के 184 ऐसे कनेक्शन हैं, जिनके बिजली बिल बकाया है।

वर्ष 2024 में बकाया थी 1410 करोड़ की राशि

जिले में वर्ष 2024 में 1410 करोड़ की राशि बकाया थी। मगर इस साल यह राशि बढ़कर 1477 पर पहुंच गई। इससे पहले निगम ने वर्ष 2018 में सरचार्ज माफी योजना शुरू की थी। उस समय जिले में 1700 करोड़ रुपये की राशि बकाया थी। उपभोक्ताओं ने इस योजना का काफी फायदा उठाया और फिर राशि 900 करोड़ रह गई थी, लेकिन उसके बाद फिर उपभोक्ताओं ने बिल भरने बंद कर दिए। इसके बाद राशि बढ़ती गई और यह राशि 1400 करोड़ के पार हो गई।


जींद डिविजन का लाइन लोस 37.41 प्रतिशत 
बिजली निगम के आंकड़ों के अनुसार जींद डिविजन का लाइन लोस 37.41 प्रतिशत पर पहुंच गया है। 
वहीं, जींद के नगूरां सब डिविजन में 40.35 प्रतिशत,
 जुलाना सब डिविजन में 54.04 प्रतिशत, 
सब डिविजन नंबर-2 में 39.38 प्रतिशत, 
सब डिविजन नंबर-1 33.20 प्रतिशत, 
ओपी शहरी सब डिविजन में 16.61 प्रतिशत लाइन तक पहुंच गया है।

 शहरी नरवाना में 35.99 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में 50.66 प्रतिशत, उचाना में 30.41 प्रतिशत, गढ़ी सब डिविजन में 27.99 प्रतिशत लाइन लोस पहुंच गया है। सफीदों शहरी सब डिविजन में 13.56 प्रतिशत है। ग्रामीण सफीदों में 13.30 प्रतिशत है। पिल्लूखेड़ा सब डिविजन में 14.58 प्रतिशत है। सफीदों सब डिविजन में कुल मिलाकर 16.54 प्रतिशत लाइन लोस है।