Rajasthan News: राजस्थान में BPL कार्डों से 31 जनवरी तक नहीं हटवाया अपना नाम तो सरकार वसुलेगी ब्याज सहित पूरी राशि, सरकारी योजनाओं का भी नहीं मिलेगा लाभ

BPL CARD: राजस्थान प्रदेश में लाखों बीपीएल कार्डधारकों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। प्रदेश में बीपीएल (BPL) कार्ड के पात्र नहीं होने के बावजूद राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSM) का लाभ लेने वाले लोगों द्वारा अगर 31 जनवरी तक बीपीएल कार्ड से अपना नाम नहीं हटवाया गया तो भजनलाल सरकार ऐसे लोगों से ब्याज सहित पीछे की पूरी राशि वसूल करेगी। ऐसे लोग जिन्होंने अवैध रूप से बीपीएल कार्ड बनवा रखा है, उन्हें अब राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ लेना महंगा पड़ सकता हैं। ज्ञात हो कि प्रदेश में लाखों लोग ऐसे हैं, जो ज्यादा आय के बावजूद राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ ले रहे हैं।
ऐसे लोगों के खिलाफ अब भजनलाल सरकार ने कड़ा कदम उठाने का निर्णय ले लिया हैं। राजस्थान प्रदेश में सरकार 31 जनवरी के बाद भी अपात्र लोगों के सूची से नाम नहीं हटवाने पर उनसे कार्ड बनवाने से लेकर अंतिम तिथि तक जो राशन सरकार ने जारी किया हैं उसको आधार बनाकर 27 रुपये किलो के हिसाब से गणना करते हुए कुल राशि को ब्याज सहित वसुला जाएगा।
अपात्र बीपीएल कार्डधारक 31 जनवरी के बाद सरकारी योजनाओं से भी हो जाएंगे वंचित
राजस्थान प्रदेश में 31 जनवरी के बाद अपात्र बीपीएल कार्डधारकों से ब्याज सहित पूरी राशि वसूलने के साथ-साथ दूसरी अन्य सरकारी योजनाओं से वंचित करने की भी तैयारी कर रही है। पाठकों को बता दें कि जो लोग बीपीएल कार्ड के पात्र नहीं होने के बाद भी इस योजना का लाभ लंबे समय से उठा रहे हैं ,उनको सरकार दूसरी सरकारी योजनाओं का लाभ देने से भी वंचित कर सकती हैं। सरकार की तरफ से आदेश जारी किए गए है कि 31 जनवरी 2025 के बाद भी अपात्र लोगों का सूची में नाम मिला तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
सरकार के आदेशों के बाद लोगों की सूची से नाम हटवाने हेतु मची होड़
भजनलाल सरकार के आदेश जारी करने के बाद प्रदेश में बीपीएल सूची से नाम हटवाने हेतु लोगों में होड़ मच गई है। जानकारी के अनुसार अब तक पूरे प्रदेश में 15 हजार से अधिक लोग राशन डिपो पर जाकर अपना नाम बीपीएल सूची से हटवा चुके हैं। राजस्थान सरकार द्वारा अपात्र व्यक्ति के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा 3 दिसम्बर 2024 से ‘गिव अप अभियान' लोग लगातार इस सूची से अपना नाम हटवा रहे हैं।
जयपुर के जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बताया कि सरकार के आदेशों के बाद काफी लोग इस सूची से नाम हटवाने हेतु आगे आए हैं। इसके अलावा लोगों को प्रेरित करने के लिए पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी और दुकानदारों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा हैं और उनको आवेदन करके सूची से नाम हटवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा हैं।