हरियाणा में लाइलाज बीमारी से पीड़ित रोगी को जन्म से मिलेगी अब पेंशन, 18 वर्ष आयु का नियम हुआ समाप्त

HARYANA NEWS:हरियाणा प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ में आज नायब सरकार ने कैबिनेट मीटिंग के दौरान कई अहम फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मीटिंग के दौरान प्रदेश में लाइलाज बीमारी से पीड़ित रोगियों को बड़ी सौगात दी है। प्रदेश सरकार ने हिमोफीलिया और थैलीसीमिया जैसी लाइलाज बिमारी से पीड़ित रोगियों को दी जाने वाली पेंशन के लिए अनिवार्य की गई 18 वर्ष की आयु को समाप्त करने के फैसले पर मोहर लगा दी है। आपकी जानकारी के लिए बता दे की हरियाणा प्रदेश के अंदर पहले हिमोफीलिया और थैलीसीमिया से पीड़ित व्यक्ति को 18 वर्ष से अधिक आयु होने के बाद ही लाभ दिया जाता था। लेकिन आज गुरुवार 23 जनवरी को हुई कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री ने 18 वर्ष की आयु सीमा को समाप्त कर दिया है।
हिमोफीलिया और थैलीसीमिया से पीड़ित व्यक्ति को पेंशन के अलावा वित्तीय सहायता भी देगी सरकार
आज चंडीगढ़ में कोई कैबिनेट मीटिंग में सरकार द्वारा हिमोफीलिया और थैलीसीमिया बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को 18 वर्ष आयु होने के बाद लाभ देने की शर्त को समाप्त करने के साथ-साथ वित्तीय सहायता को लेकर भी एक बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कैबिनेट मीटिंग के बाद जानकारी देते हुए बताया कि हिमोफीलिया और थैलीसीमिया रोगी को सरकार की तरफ से पेंशन तो दी जाएगी ही जाएगी इसके अलावा पेंशन के अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी दी जाएगी। सरकार ने इसके अलावा प्रदेश में कर्मचारीयों को 6000 से 20000 रुपए तक मासिक मानदेय देने की भी घोषणा की है।
इन कर्मचारियों को मिलेगा 20 हजार रुपए तक मासिक मानदेय देने हेतु की घोषणा
आज हुई कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री नायब सिंह ने हरियाणा प्रदेश के हिमोफीलिया और थैलीसीमिया बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों के अलावा कर्मचारीयों को भी बड़ी सौगात दी है। सीएम नायब सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि HSMITC, CONFED, हरियाणा मिनरल्स लिमिटेड के पूर्व कर्मचारी
और जिन विभागों का विलय हो चुका है, ऐसे सभी कर्मचारियों को अब प्रदेश सरकार की तरफ से न्यूनतम 6,000 रुपये और अधिकतम 20,000 रुपये तक का मानदेय दिया जाएगा। सरकार की इस घोषणा के बाद विभागों में पूर्व में कार्यरत प्रदेश के कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा।