Haryana News: हरियाणा में वेतन आयोग, वेतन विसंगतियां व अंतिम राहत को लेकर 1-2 फरवरी व 8-9 फरवरी को प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगा सर्व कर्मचारी संघ

Haryana News: हरियाणा में कर्मचारी विरोधी नीतियों और 15 सुत्रीय मांग पत्र को लेकर सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की कन्वेंशन राज्य प्रधान धर्मवीर फोगाट की अध्यक्षता में कन्वेंशन की गई। जिसमें सभी जिलों, ब्लॉकों व यूनियनों के कार्यकतार्ओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। कन्वेंशन में रोष जताया गया कि संघ की ओर से सरकार को दो बार मांग पत्र पर बातचीत करने के लिए समय देने हेतु पत्र लिखे गए हैं। परंतु सरकार की ओर से न तो मांगों का समाधान किया गया है और न ही बातचीत के लिए समय दिया जा रहा है। इसलिए कन्वेंशन में आगामी आंदोलन की घोषणा की गई।
जिसके तहत 1-2 फरवरी व 8-9 फरवरी को प्रदेश के सभी विधायकों
को प्रदर्शन करते हुए मांगों का ज्ञापन दिया जाएगा। बजट सत्र से पहले 15 व 16 फरवरी को मुख्यमंत्री के कुरुक्षेत्र कैंप कार्यालय पर दो दिन का धरना दिया जाएगा। जिसमें 15 फरवरी को कुरुक्षेत्र, करनाल, पंचकूला, अंबाला, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद, पलवल, गुरुग्राम, जींद व 16 फरवरी को कैथल, यमुनानगर, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी, दादरी, रोहतक, झज्जर, रेवाड़ी, नूंह, महेंद्रगढ़ जिला के कार्यकर्ता शामिल होंगे।
कन्वेंशन को संबोधित करते हुए राज्य प्रधान धर्मवीर फोगाट ने कहा कि हरियाणा सरकार पिछले लंबे समय से कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी करती आ रही है। जो किसी भी तरह से उचित नहीं है। केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा कर दी है।
हरियाणा के संदर्भ में प्रदेश का अलग वेतन आयोग गठित किया जाना चाहिए।
अगला वेतन आयोग आने से पहले पिछले वेतन आयोग की विभिन्न वर्गों की वेतन विसंगतियां दूर करने व पंजाब के समान वेतनमान की मांग काफी अरसे से लंबित है। जिसका तुरंत प्रभाव से समाधान करना अति आवश्यक है।
अगला वेतन आयोग लागू होने तक प्रत्येक कर्मचारी को पांच हजार रुपये अंतरिम राहत दी जाए।
हरियाणा की परिस्थितियों में पुरानी पेंशन व्यवस्था आसानी से लागू की जा सकती है। इसे लागू करने में किसी प्रकार की समस्या नहीं है। पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने से सरकार व कर्मचारी दोनों का लाभ है। सरकार द्वारा जोब सिक्योरिटी एक्ट के बावजूद एचकेआर एन के कर्मचारियों को नौकरी से हटाने के फरमान आ रहे हैं।
सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों की समस्याओं का एक ही स्थायी समाधान है
कि एक समग्र रेगुलराइजेशन की नीति बना कर सब को पक्का कर दिया जाए। परंतु सरकार इस मांग को दांय बांय घुमा रही है। कर्मचारी की मृत्यु हो जाने पर दी गई एक्सग्रेशिया नीति में नौकरी के पहले पांच वर्ष तक व 52 वर्ष की आयु के बाद की शर्त लगा रखी है जो जोखिम भरे काम करने वाले कर्मचारियों के उचित नही है। इस शर्त के कारण उनके आश्रितों को नौकरी नहीं मिल पाती है।
आनलाइन तबादला नीति के परिणाम कर्मचारियों
और सरकार दोनों के लिए हानिकारक हैं। बड़ी संख्या में अध्यापकों व कर्मचारियों के अवांछनीय तबादले कर दिए जाते हैं। इससे एक तरफ जहां कर्मचारियों व जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ता है वहीं राजस्व का भी अनावश्यक भारी नुक्सान होता है। सरकार के मंत्रियों द्वारा कर्मचारी को चेतावनी या सुधार का अवसर दिए बिना ही ट्रांसफर या निलंबित कर दिया जाता है। भ्रष्टाचार हमेशा ऊपर से नीचे चलता है। अगर इसे रोकना है तो ऊपर सरकार के मंत्रियों, विधायकों, उच्च अधिकारियों व शासन से शुरू करना चाहिए।
अगर सरकार ऐसा करती है
तो सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा सरकार के साथ होगा और भ्रष्टाचार को समाप्त करने में सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री व मंत्री कर्मचारियों को लेकर लगातार अनाप-श्नाप धमकियां दे रहे हैं जो राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित हैं। सरकार द्वारा 25 वर्ष की नौकरी या 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके कर्मचारियों को रिटायर करने की सूचना मांगी गई हैं जो कर्मचारियों में भय का वातावरण पैदा करने का प्रयास है। एनएचएम के कर्मचारियों की सेवा शर्तों को बदल कर वेतन कम करना भी असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों के माध्यम से जनसेवा प्रदान करने के कार्य को मजबूत किया जाए। शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, परिवहन, सफाई, राजस्व, कृषि सेवा, पशुपालन, कानून व्यवस्था आदि सेवाओं का विस्तार जनसंख्या के अनुसार करना चाहिए। सभी विभागों में निजीकरण व ठेकाकरण को समाप्त करके सरकारी क्षेत्र में रखकर जरुरत के अनुसार विस्तार किया जाए।
यह रहे मुख्य रूप से मौजूद
कन्वेंशन का संचालन महासचिव नरेश कुमार ने किया। कन्वेंशन में उपमहासचिव संदीप सांगवान, कैशियर सुखदर्शन सरोहा, उपप्रधान जरनैल सिंह, नरेंद्र, सचिव मांगेराम तिगरा, जयवीर चहल, महेंद्र बोयत, सहसचिव सतबीर स्वामी, जगमिंद्र, आॅडिटर मुकेश खर्ब, राज्य कमेटी सदस्य सुरेश राठी, प्रेम गिलोडिया आदि ने भाग लिया।