हरियाणा में जींद समेत इन जिलों की हो गई चांदी, दिल्ली का सफर होगा आसान, समय में भी होगी बचत

JIND New Highways: हरियाणा प्रदेश के जींद जिले के निवासियों के लिए बड़ी अच्छी खबर सामने आ रही है। बता दे कि हिरयाणा से दिल्ली के बिच का सफर अब महज सवा घटें का रहने वाला है। हरियाणा जींद समेत कैथल कुरक्षेत्र को भी इसका लाभ मिलने वाला है। हरियाणा प्रदेश में जल्दी नेशनल अधिक जानकरी के लिए बता दे कि नेशनल हाईवे 352A का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।
जानकारी के अनुसार जल्द ही NH- 352A पर वाहन चलते दिखाई देंगे। हालांकि वर्तमान में भी इस नेशनल हाईवे ( National Highways) पर वाहन दौड़ते हुए दिखाई दे जाएंगे। लेकिन सरकार द्वारा अभी तक इस नेशनल हाईवे का उद्घाटन नहीं किया गया है। अब नेशनल हाईवे 352A का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद सरकार इसका उद्घाटन करने की तैयारी कर रही है।
नेशनल हाईवे 352A बनाया गया है मुरथल जीटी रोड से सोनीपत और गोहाना से होते हुए जींद तक नेशनल हाईवे 352 ए ( national Highways 352 A) वाहन चालकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए मुरथल जीटी रोड से सोनीपत, गोहाना होते हुए जींद तक बनाया गया है। इस हाइवे के निर्माण पर सरकार द्वारा 1,300 करोड़ रूपए से अधिक की राशि खर्च की गई है। इस हाइवे को दो चरणों में बनाया गया।
गोहाना से जींद तक हाईवे का निर्माणकार्य पहले चरण के तहत पूरा किया गया। सोनीपत से गोहाना के बीच हाइवे का निर्माणकार्य दूसरे चरण में किया जा रहा है। इस हाइवे (Highway) का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद अप्रैल महीने में इसके उद्घाटन की तैयारी की जा रही है।
जींद से दिल्ली का सफर होगा आसान
NH- 352A के शुभारंभ के बाद जींद निवासियों का दिल्ली का सफर आसान हो जाएगा। इस हाइवे के शुरू होने के बाद जीत से दिल्ली का सबसे छोटा सफर शुरू हो जाएगा। नेशनल हाईवे 352 ए को गांव जींद जिले के गांव ईशापुर खेड़ी के पास इसे दिल्ली कटरा एक्सप्रेस-वे (Delhi Katra expressway) से जोड़ा जाएगा। नये हाइवे (Highway) के चालू होने के बाद जींद से दिल्ली जाने का यह सबसे छोटा रास्ता होगा।
गौरतलब है कि वर्तमान में जींद जिले के निवासियों को दिल्ली जाने के लिए रोहतक व बहादुरगढ़ या गोहाना से सोनीपत होते हुए दिल्ली का सफर करना पड़ रहा है। लेकिन नेशनल हाईवे 352 ए शुरू होने के बाद जींद निवासियों का दिल्ली का सफर आसान हो जाएगा। इस हाइवे पर जीत से दिल्ली का सफर सबसे छोटा होने के कारण वाहन चालकों की पेसों के साथ-साथ समय की भी बचत होगी।