Jind News: मोतीलाल स्कूल में ग्रैंड पैरेंट्स डे का धूमधाम से आयोजन किया, बच्चों ने दी मनमोहक प्रस्तुतियां

Jind News: मोतीलाल नेहरू पब्लिक विद्यालय में ग्रैंड पैरेंट्स डे धूमधाम से आयोजित किया गया। इस अद्वितीय दिन का आयोजन एक बड़े उत्सव की भावना के साथ हुआ और विद्यार्थियों ने गर्व से अपने परिवार के अधीन आने वाले समय का समर्पण किया। ग्रैंडपेरेंट्स डे के इस खास मौके पर विद्यार्थियों ने विद्यालय में अपने दादा-दादी को विशेष आमंत्रण दिया और उनके साथ कुछ बेहद रोमांचित और उत्साह वर्धक गतिविधियों में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम का मंच संचालन विद्यालय अध्यापिका सोनिका द्वारा किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर डिप्टी स्पीकर कृष्ण मिढ़ा ने और विशिष्ट अतिथि के तौर पर महिला थाना प्रभारी नीलम ने शिरकत की। विद्यालय के प्रांगण में पहुंचने पर मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि का फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया गया। भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा पर मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की शुरूआत में हरियाणा की प्राचीन संस्कृति को विभिन्न झांकियों द्वारा दर्शाया गया और विद्यालय के छोटे-छोटे बच्चों ने स्वागत गीत गाकर अपने दादा-दादी और नाना-नानी का स्वागत किया। विद्यालय के बच्चों ने गीत, नृत्य, अभिनय किया और अपने अभिभावकों के सामने रंगारंग प्रस्तुतियां देकर सबका मन मोह लिया।
विद्यालय के प्राचार्य रविंद्र कुमार ने कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी दादा-दादी और नाना-नानी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों के लिए इस तरह के कार्यक्रम विद्यालय में हमेशा आयोजित किए जाते हैं और बताया कि संयुक्त परिवार और दादा-दादी के बीच रहने वाले बच्चों पर बुजुर्ग से मिले प्यार और उनकी कहानियों का बड़ा प्रभाव पड़ता है। एकल परिवार में भावनाओं का आदान-प्रदान अधिक नहीं हो पाता। यह सब बातें मानसिक तनाव को कम करने का काम करती हैं। एकल परिवार में माता-पिता बच्चों को उतना समय नहीं दे पाते लेकिन दादा-दादी की मौजूदगी बच्चों को संस्कारमय बनाती है। उनका समग्र विकास भी तेजी से होता है। प्रबंध समिति अध्यक्ष संदीप दहिया ने कहा कि बच्चे एक कोरे कागज के समान होते हैं। उनको जिस रूप में ढाला जाए वे उस रूप में ढल जाते हैं। दादा-दादी बच्चों का पुस्तकालय हैं। वे अच्छे शिक्षक की भूमिका अदा करते हैं। दादा-दादी के पास हर समस्या का समाधान होता है। बच्चों में संस्कार देने वाले दादा-दादी और नाना-नानी ही हर घर की मजबूत नींव होते हैं। बच्चों को संस्कारी बनाने में घर के बड़े बुजुर्गों की अहम भूमिका होती है।
विद्यालय के द्वारा विभिन्न संस्थाओं को भी सम्मानित किया गया। युवा मित्र मंडल के सचिव सुरेंद्र कुमार मित्तल, अन्ना टीम जींद के प्रधान प्रवीन सैनी, पालिका बाजार व्यापार संगठन के प्रधान शिवचरण गोयल, सांवरिया सेवा समिति के प्रधान आशीष मित्तल, साड़ी ग्रुप एसोसिएशन के प्रधान सावर गर्ग, सृष्टि फाउंडेशन के प्रधान सुनील गर्ग, हेल्प-ए-मिशन के प्रधान रजनीश कुमार, पहला कदम फाउंडेशन राजेश वशिष्ठ ने शिरकत की। विद्यालय प्रशासक वीपी शर्मा और हेड कोआॅर्डिनेटर सुरेंद्र कुमार ने कहा कि बच्चे के जीवन में उसके दादा-दादी यानि नाना-नानी की मौजूदगी उसके लिए सुरक्षा कवच का काम करती है। उनकी उपस्थिति बच्चों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस अवसर पर विद्यालय के सभी अध्यापकगण मौजूद रहे।