मशीन से नर्सरी में रोपण, मजदूरों को रोजगार नहीं मिला
Shivpuri News: वन मंडल के घसारई दिदावली क्षेत्र में 70 हेक्टेयर भूमि में चल रही नर्सरी परियोजना में अब विवाद खड़ा हो गया है। योजना के तहत 70 हजार पौधे लगाए जा रहे हैं, लेकिन स्थानीय लोग और पर्यावरण प्रेमी नाराज हैं कि बाउंड्री निर्माण और अन्य कार्यों में जेसीबी जैसी भारी मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार मजदूरों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए थी, ताकि स्थानीय परिवारों को रोजगार का अवसर मिल सके। परियोजना का उद्देश्य वनस्पतियों की विविधता बढ़ाना और ग्रामीणों को आय का साधन देना था, लेकिन मशीनों के इस्तेमाल से पारिस्थितिकीय संतुलन पर सवाल उठ रहे हैं।
स्थानीय किसान और मजदूर संगठन का कहना है कि मैनुअल श्रम से कम से कम 50-60 परिवारों को रोजाना मजदूरी मिलती। नर्सरी की बुनियादी सुविधाओं जैसे सिंचाई, छायादार संरचना और मिट्टी परीक्षण लैब का अभाव भी परियोजना की गुणवत्ता प्रभावित कर रहा है।
बाउंड्री वॉल केवल 2-3 फीट ऊंची बनाई गई है, जबकि नियमों के अनुसार कम से कम 5 फीट ऊंचाई होनी चाहिए। इससे वन्यजीवों और अवैध कटाई से पौधों की सुरक्षा खतरे में है। वन विशेषज्ञों का कहना है कि कमजोर बाउंड्री मिट्टी कटाव और जैव विविधता को नुकसान पहुंचा सकती है।
पूर्व वन कर्मचारी ने बताया कि यह समस्याएं सालों से लंबित हैं। अब स्थानीय एनजीओ उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर नर्सरी को आधुनिक मानकों के अनुसार विकसित करने की मांग करेंगे।
वन विभाग का कहना है कि स्थानीय मजदूर उपलब्ध न होने पर मशीनों का उपयोग अपरिहार्य हो गया।
