बारिश से टली जनसुनवाई, ग्रामीण खदान संचालकों पर नियम तोड़ने का आरोप
Chhatarpur News: बदौरा पंचायत के पास संचालित पत्थर खदान की पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए जनसुनवाई 19 सितंबर को आयोजित की जानी थी, लेकिन भारी बारिश के कारण यह अधूरी रह गई। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारी बिना सुनवाई किए लौट गए और खदान संचालक ने केवल अपने समर्थकों को बुलाकर औपचारिकता पूरी की।
ग्रामीणों का कहना है कि ब्लास्टिंग से पास के जलस्रोत, तुला तालाब की बांध और प्राचीन मां भद्रकाली मंदिर प्रभावित हो रहे हैं। मकानों में दरारें पड़ गई हैं और बारिश में पानी भर जाता है। खदान क्षेत्र में स्वास्थ्य शिविर या विकास कार्य नहीं हुए।
ग्रामीणों के अनुसार, दिन-रात दौड़ते डंपरों से धूल फैलती है और कई लोग टीबी, दमा, खांसी जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं। नियमों के अनुसार खदान से क्रेशर तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाना चाहिए, सड़कों पर पानी छिड़काव हो, डंपरों को तिरपाल से ढका जाए और ब्लास्टिंग के दौरान लोहे का जाल बिछाया जाए। साथ ही सालाना पौधारोपण और सामाजिक कार्यों के लिए आय का दो प्रतिशत खर्च करना अनिवार्य है।
ग्रामीणों ने मांग की है कि जनसुनवाई दोबारा कराई जाए और खदान संचालकों को सभी नियमों का पालन करने के निर्देश दिए जाएं।
