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Haryana Punjab: पंजाब-हरियाणा में पानी को लेकर बढ़ रही तकरार,नायब सैनी ने भगवत मान को कह दी यह बात

 

पंजाब एवं हरियाणा के बीच पानी को लेकर तकरार बढ़ गई है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच ब्यानबाजी हो रही है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के दावों को झूठा करार दिया है। सैनी ने कहा कि बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड) के पास पानी की एक-एक बूंद का हिसाब है।
 

यही नहीं आसपास के राज्यों की सभी सरकारों के पास इस पानी का हिसाब किताब है। हरियाणा को अपने हिस्से का पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। इससे प्रदेश में सिंचाई व्यवस्था प्रभावित हो रही है, इसके अलावा पीने के पानी की भी समस्या बढ़ रही है। राष्ट्रहित में पंजाब सरकार को हरियाणा का सहयोग करना चाहिए। 


मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री अनापशनाप ब्याजबाजी कर रहे हैं। दिल्ली की जनता को सजा देने के लिए भगवंत मान ऐसा कर रहे हैं। सैनी ने कहा कि भगवंत मान ने कहा था कि आज से पहले पंजाब ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड ने पानी का हिसाब नहीं रखा, यह सरासर झूठ बोल रहे हैं। 

बीबीएमबी एक-एक बूंद पानी का हिसाब रखता है। इसके अलावा राजस्थान, पंजाब, दिल्ली और हरियाणा सरकारों के पास भी यह हिसाब-​किताब रहता है। मान ने यह नहीं बताया कि 2022, 2023 और 2024 में कभी भी अप्रैल, मई और जून के महीने में हरियाणा कांटेक्ट प्वाइंट एचसीपी पर 9 हजार क्यूसिक से कम पानी नहीं दिया गया। जो पानी बीबीएमबी एचसीपी पर भेजा है, उसमें दिल्ली के पीने का पानी 500 क्यूसिंग, राजस्थान के लिए 800 क्यूसिक और पंजाब का खुद का 400 क्यूसिंग पानी शामिल होता है।

हरियाणा में केवल 6800 क्यूसिक पानी रह जाता है। सैनी ने कहा कि मान साहब भूल गए कि अप्रैल और मई के महीनों में पंजाब और हरियाणा में एक भी खेत में धान की रोपाई नहीं की जाती क्योंकि ऐसा करना कानूनन प्रतिबं​धित है। इन दो महीने में छोड़े गए पानी से केवल पेयजल की आपूर्ति की जाती है। 

मान ने पोंग और रणजीत सागर डैम में पानी का स्तर कम होने की बात कही है, लेकिन यह नहीं बताया कि भाखड़ा डैम की क्या ​स्थिति है। हरियाणा को पानी भाखड़ा डैम से ही मिलता है, न कि पोंग डैम या रणजीत सागर डैम से। पानी के लिए राज्यों की मांग हर 15 दिन में कम या ज्यादा होती रहती है, जिसे एक तकनीकी कमेटी द्वारा तय किया जाता है। पिछले सप्ताह हरियाणा को केवल 4 हजार क्यूसिक पानी ही मिला, जो उसकी मांग का 60 प्रतिशत ही है। ऐसे में पानी की कमी महसूस की जा रही है।

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