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Ratlam News: बिजली लाइन शिफ्ट नहीं करवा पाया रेलवे, रतलाम शहर में अटका अंडरब्रिज

रतलाम शहर में सिटी-चौपाटी रोड स्थित रेलवे फाटक नंबर 177 की जगह बन रहे अंडरब्रिज का काम फिर अटक गया है। सालभर से अधिक समय हो गया काम चल रहा लेकिन रेलवे बिजली कंपनी से समन्वय बनाकर खंभा और हाईटेंशन लाइन शिफ्ट नहीं करवा पाया। यही कारण है कि तिलकनगर तरफ की एप्रोच रोड तो कंप्लीट हो गई लेकिन थाना रोड तरफ काम अटक गया। यदि समय रहते लाइन शिफ्ट नहीं हुई तो मार्च 2026 तक अंडरब्रिज को कंप्लीट करके चालू करने का लक्ष्य हासिल नहीं होगा। सारे दावे खोखले साबित होंगे।
 
Railway Underbridge Ratlam

Ratlam News: रतलाम शहर में सिटी-चौपाटी रोड स्थित रेलवे फाटक नंबर 177 की जगह बन रहे अंडरब्रिज का काम फिर अटक गया है। सालभर से अधिक समय हो गया काम चल रहा लेकिन रेलवे बिजली कंपनी से समन्वय बनाकर खंभा और हाईटेंशन लाइन शिफ्ट नहीं करवा पाया। यही कारण है कि तिलकनगर तरफ की एप्रोच रोड तो कंप्लीट हो गई लेकिन थाना रोड तरफ काम अटक गया। यदि समय रहते लाइन शिफ्ट नहीं हुई तो मार्च 2026 तक अंडरब्रिज को कंप्लीट करके चालू करने का लक्ष्य हासिल नहीं होगा। सारे दावे खोखले साबित होंगे।

दिसंबर 2024 में ही अंडरब्रिज के सीमेंट कांक्रीट बॉक्स बनने का काम शुरू हो गया था। फरवरी में ये कंप्लीट हुए। इसके बाद फिर ट्रैक हटाकर इन्हें लॉन्च भी कर दिया गया। तब 6 महीने में ही अप्रोच बनाने का लक्ष्य था जो वर्तमान स्थिति में भी पूरा नहीं हुआ। केवल तिलकनगर तरफ जहां पहले बगीचा था उस जगह को खाली करके वहां अंडरब्रिज का एक एप्रोच बना दिया है। हाल ही में इसका काम पूरा हो गया और अब अंडरब्रिज की साइड में जहां चद्दर लगे थे, उन्हें हटाकर ब्रिज की दीवार और रोड के बीच गैप में मुरम भर के विवेकानंद कॉलोनी रोड को चौड़ा करने का काम भी शुरू हो गया है। यह सप्ताह भर या 15 दिन में कंप्लीट हो जाएगा। विडंबना यह है कि अंडरब्रिज अभी चालू नहीं हो सकेगा। क्योंकि दूसरे छोर पर थाना रोड तरफ का एप्रोच रोड अभी नहीं बना है। महीने भर पहले काम शुरू किया था लेकिन बीच में बिजली का खंभा और हाईटेंशन लाइन आने से काम रोकना पड़ा।

ऐसे ही लापरवाही रही तो मार्च 2026 तक काम पूरा नहीं हो सकेगा

जिस दिन अंडरब्रिज का साइड प्लान बना तभी से मालूम था कि ट्रैक के नीचे होकर जा रही बिजली लाइन और थाना रोड का बिजली खंभा एप्रोच बनाने में रोड़ा बनेगा लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। यहां तो पानी नाक तक आने के बाद ही बचने के उपाय किए जाते हैं। इस नीति के तहत अब जब काम रुक गया तो लाइन शिफ्टिंग को लेकर प्रयास शुरू हुए हैं और वह भी कछुआ चाल से। बिजली कंपनी के डीई एम. एस. दीक्षित का कहना है कि एस्टीमेट बनाकर रेलवे को दे दिया है। सुपरविजन सहित शुल्क रेलवे को जमा करना है। इसके बाद लाइन शिफ्ट होगी। जैसे ही रेलवे राशि जमा करेगा लाइन शिफ्टिंग का कार्य शुरू हो जाएगा।

दे रहे अपने-अपने तर्क 

इधर अंडरब्रिज बनाने वाली ठेका कंपनी के साइड इंचार्ज दिनेश शर्मा का कहना है कि यदि बिजली लाइन शिफ्ट हो जाए तो एक से डेढ़ महीने में ही एप्रोच कंप्लीट कर देंगे। वहीं रेलवे जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीणा ने संबंधित तकनीकी अधिकारियों को इससे अवगत करवाने की बात कही है।

ट्रैफिक के साथ व्यापार भी प्रभावित  

अंडरब्रिज में देरी के कारण आमजन परेशान हैं। ओवरब्रिज भी संकरा है। है इसलिए पूरा ट्रैफिक वहां से निकलने पर कई बार जाम और एक्सीडेंट का खतरा रहता है। खासकर रेलवे ट्रैक के आसपास वाली कॉलोनी के लोगों को आवागमन में ज्यादा दिक्कत हो रही है। उन्हें लंबा चक्कर काट के चौपाटी या फिर सिटी जाना पड़ रहा है।