Jind News: जींद जिले के जुलाना में धड़ले से जलाई जा रही पराली, प्रशासन बेखबर

Jind News: जींद जिले के जुलाना क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर निरंतर बढ़ रहा है। इसका मुख्य कारण क्षेत्र के किसानों द्वारा लगातार खेतों में पराली जलाना है। वहीं पराली जलाने से रोकने के लिए प्रशासन व सरकार ने सख्त निर्देश जारी किए हुए हैं, लेकिन इन सबके बावजूद पराली जलाई जा रही है।
पराली जलाने को लेकर अब प्रशासन व सरकार काफी सख्ती अपनाए हुए है, लेकिन इन सबके बावजूद किसान प्रशासन को पता न चले, इसके लिए अलग ही तरीके अपनाकर पराली जला रहे हैं। अब किसान रात के अंधेरे में धान के अवशेषों में आग लगा देते हैं ताकि सुबह होने से पहले ही उस खेत की बुवाई कर रात को आग लगाने के सबूत ही मिटा देते हैं। जैसे ही अंधेरा होता है, वैसे ही खेतों में धान के अवशेष जलते दिखाई दे रहे हैं। इसकी वजह से क्षेत्र का वातावरण व हवा दूषित हो रही है, जो काफी चिंताजनक है। जुलाना के किसी भी सड़क पर चले जाएं, खेतों में धान के अवशेषों से धुआं उठता नजर आएगा।
किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए बाकायदा टीमें बनाई हुई हैं। इसके अलावा ऐसे किसानों को चिन्हित किया जा रहा है, जिन्होंने पराली में आग लगाई है।
हेमंत एडिओ जुलाना ने बताया कि अभी तक विभाग की और से कोई लोकेशन नही है। मौक़े पर जाकर मुआयना किया जायेगा।
जुलाना में डीएपी खाद लेने के लिए किसानों की लग रही लंबी कतारें
जींद जिले के जुलाना कस्बे की खाद की सरकारी खाद की दुकान पर किसानों की डीएपी खाद लेने के लिए लंबी कतारें लग रही हैं। किसानों को खाद लेने के लिए घंटों इंतजार करने के बावजूद भी बैरंग लौटनें पर मजबूर होना पड़ रहा है। हालांकि स्थिति को संभालने के लिए पुलिस भी तैनात की गई है। वहीं एक किसान को एक आधार कार्ड पर केवल 15 बैग डीएपी खाद ही दिया जा रहा है। किसानों को भय सता रहा है कि गेंहू की बिजाई के समय उन्हें खाद नही मिल पाएगा। जुलाना में खाद कम पहुंच रहा है और लागत ज्यादा होने के कारण किसानों को बैरंग ही लौटना पड़ रहा है।
प्रदीप कुमार, सरकारी खरीद केंद्र इंजार्च जुलाना ने बताया कि
किसानों को डीएपी खाद दिया जा रहा है। एक आधार कार्ड पर 15 बैग दिया जा रहा है। किसानों को कोई भी परेशानी नही होने दी जा रही है।