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New collector Rate: आज से हरियाणा प्रदेश में जमीनों के दामों में आएगा उछाल, नए कलेक्टर रेट होंगे लागू

। आज से हरियाणा में नए कलेक्टर रेट लागू होने के बाद जमीनों की होने वाली रजिस्ट्रियों के दामों में भी 30% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। क्योंकि नए कलेक्ट्रेट नियम लागू होने के बाद हरियाणा में जमीनों की रजिस्ट्री नए कलेक्टर रेट के हिसाब से महंगी हो जाएगी।
 
NEW COLLECTOR IN HARYANA
गुरुग्राम सहित इन जिलों के नए कलेक्टर रेट लागू होने के बाद रजिस्ट्री के दामों में हो सकती है 20 से 30% तक बढ़ोतरी

New collector Rate: हरियाणा प्रदेश में नए कलेक्टर रेट आज 1 दिसंबर से लागू हो गए हैं। पिछले दिनों हरियाणा सरकार ने 1 दिसंबर से नए कलेक्टर रेट लागू करने की घोषणा की थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के अधीन रेवेन्यू डिपार्टमेंट की ओर से एक नोटिस जारी करते हुए यह आदेश जारी किए गया था। 1 दिसंबर 2024 को लगने वाले हरियाणा प्रदेश में नए कलेक्टर रेट को लेकर प्रदेश के सभी मंडलों के कमिश्नर व उपायुक्त को आदेश जारी कर दिए गए थे। आज से हरियाणा में नए कलेक्टर रेट लागू होने के बाद जमीनों की होने वाली रजिस्ट्रियों के दामों में भी 30% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। क्योंकि नए कलेक्ट्रेट नियम लागू होने के बाद हरियाणा में जमीनों की रजिस्ट्री नए कलेक्टर रेट के हिसाब से महंगी हो जाएगी। नए कलेक्ट्रेट के बाद जमीनों की रजिस्ट्री 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ने के आसार हैं। ज्ञात हो कि हरियाणा सरकार ने चुनाव के चलते कलेक्टर रेट बढ़ाने के आदेशों को कुछ समय के लिए टाल दिया था। अब चुनाव के बाद हरियाणा प्रदेश में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनने पर फिर से नए कलेक्टर रेट लागू किए जा रहे हैं।

NEW COLLECTOR RATE IN HARYANA

नए कलेक्ट्रेट बढ़ाने हेतु संपूर्ण जिलों का किया गया था मार्केट वैल्यू सर्वे

हरियाणा प्रदेश में नए कलेक्ट्रेट में होने वाली 1 दिसंबर 2024 से बढ़ोतरी से पहले सरकार द्वारा प्रदेश के संपूर्ण जिलों की मार्केट वैल्यू का सर्वे करवाया गया था। इसके लिए बाकायदा प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान कलेक्टर रेट बढ़ाने से पहले जिलों में मार्केट वैल्यू का पता करने हेतु निर्देश दिए थे। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आदेशों की पालना करते हुए उपायुक्तों ने कलेक्टर रेटों को लेकर सर्वे कर मार्केट वैल्यू के हिसाब से नए कलेक्टर रेट तय किए हैं। नायब सिंह सैनी सरकार के इस कदम से आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ने के साथ साथ जमीनों की रेट भी बढ़ जाएंगे।

गुरुग्राम सहित इन जिलों के नए कलेक्टर रेट लागू होने के बाद रजिस्ट्री के दामों में हो सकती है 20 से 30% तक बढ़ोतरी

हरियाणा प्रदेश के अंदर आज से लागू होने जा रहे नए कलेक्टर रेट का सबसे ज्यादा असर गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत, करनाल, पलवल, बहादुरगढ़ और रोहतक जिले पर पड़ेगा। क्योंकि सरकार के पास हरियाणा में एनसीआर के तहत आने वाले जिलों से सबसे ज्यादा कलेक्टर रेट बढ़ाने का प्रस्ताव आया था। इस प्रस्ताव के तहत रोहतक, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, बहादुरगढ़, सोनीपत, करनाल, पानीपत जिले में  20 से 30% तक की कलेक्टर रेट में बढ़ोतरी की जा सकती है। इन जिलों में कलेक्टर रेट में 20 से 30% तक की बढ़ोतरी के पीछे मुख्य वजह जिलों का एनसीआर में आना माना जा रहा है। एनसीआर के अंदर आने वाले इन जिलों में प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की तरफ से लगातार इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम किया जा रहा है।

जींद जिले में नए कलेक्टर रेट लागू होने के बाद इतने बढ़ सकते हैं जमीनों की रजिस्ट्री के दाम

जींद जिले में आज से नए कलेक्टर लागू होने के बाद रजिस्ट्री के दामों में 10 से 15% तक बढ़ोतरी की जा सकती है। हालांकि जींद जिला भी एनसीआर क्षेत्र के अंतर्गत आता है, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में जींद जिला गुरुग्राम, फरीदाबाद जैसे जिलों से अभी काफी पीछे है। जिसके चलते इस जिले में नए कलेक्ट्रेट में कम बढोतरी के आसार हैं। वहीं दूसरी तरफ इस जिले में बीते कुछ वर्षों में कई एक्सप्रेसवे बनाए गए हैं। इन एक्सप्रेसवे के जींद जिले से होकर गुजरने से इस जिले में जमीनों के दाम काफी बढ़ गए हैं और बड़े-बड़े उद्योगपतियों ने भी अब जींद जिले में अपने उद्योग स्थापित करने हेतु कवायद शुरू करती है।


नए कलेक्टर रेट लागू होने के बाद जमीनों की खरीद-फरोख्त पर पड़ेगा असर 

आज यानी 1 दिसंबर 2024 से लागू होने वाले प्रदेश के अंदर नए कलेक्टर रेट का सबसे ज्यादा असर जमीन की खरीद-फरोख्त करने वाले लोगों की जेब पर पड़ेगा। क्योंकि नए कलेक्टर रेट लागू होने के बाद जमीन की रजिस्ट्री की कीमतों में 20 से 30% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। आपको बता दें कि प्रदेश में नए कलेक्टर रेट हेतु अलग-अलग स्थानों पर वहां की मार्केट रिसर्च के बाद ही वैल्यू कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी है। वैल्यू कमेटी की रिपोर्ट के बाद रेट बढ़ाने का फैसला होता है। राजस्व विभाग और राज्य सरकार ही रेट बढ़ने का अंतिम फैसला लेती है।
प्रदेश के राजस्व विभाग और राज्य सरकार द्वारा रेट तय किए जाने के बाद में उससे कम में उस क्षेत्र में जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो सकती। आपको बता दें कि कलेक्टर रेट निर्धारित होने से पहले तक इसमें काफी भ्रष्टाचार हुआ करता था। लेकिन अब कलेक्टर रेट निर्धारित होने के बाद भ्रष्टाचार के मामलों में काफी हद तक रोक लग गई है। राज्य सरकार चाहे तो प्रतिवर्ष नए कलेक्टर रेट तय कर सकती है।