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सिरसा में स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने के लिए सिविल अस्पताल में बनेगा नया इमरजेंसी वार्ड अलग से बनाया जाएगा प्रवेश द्वार

सिरसा में स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने के लिए सिविल अस्पताल में बनेगा नया इमरजेंसी वार्ड अलग से बनाया जाएगा प्रवेश द्वार
 
इमरजेंसी वार्ड
To improve health services in Sirsa, a new emergency ward will be built in the Civil Hospital, a separate entrance will be made.

सिरसा में स्वास्थ्य सेवाएं :सुधारने के लिए विभाग ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। सिविल अस्पताल में नई इमारत का निर्माण करवाया जाएगा। इसमें जहां एक ओर एमसीएच (मदर चाइल्ड हेल्थ) विंग स्थापित होगी वहीं दूसरी ओर इमरजेंसी वार्ड को भी शिफ्ट किया जाएगा। बिल्डिंग बनाने को लेकर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नई इमारत बनने से सामान्य ओपीडी प्रतिदिन प्रभावित नहीं होगी। इमरजेंसी वार्ड में आने-जाने के लिए अलग रास्ता होगा और अलग ही व्यवस्था। अभी सिविल अस्पताल का एक ही गेट है जहां से सामान्य ओपीडी, ट्रॉमा सेंटर और आईसीयू सहित सिविल सर्जन कार्यालय की और रास्ता जाता है। ट्रॉमा सेंटर में इमरजेंसी वार्ड है, इसलिए बार-बार एंबुलेंस का आना-जाना लगा रहता है। इस कारण सामान्य ओपीडी और अन्य काम प्रभावित होते हैं। ट्रॉमा सेंटर की पहली मंजिल पर एंबुलेंस कंट्रोल रूम, प्रशासनिक कार्यालय और अन्य कार्यालय होने के कारण इमरजेंसी वार्ड, आईसीयू वार्ड के मरीज प्रभावित होते हैं। इसलिए विभाग ने फैसला किया है कि इमरजेंसी वार्ड के लिए अलग से इमारत होनी चाहिए।

रिहायशी कॉलोनी में खाली जगह बनेगी इमारत

स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. मनीष बांसल ने पिछले महीने सिविल अस्पताल का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने दौरा करके नई इमारत के लिए जगह का निरीक्षण और चयन किया। फैसला हुआ कि अस्पताल कैंपस में स्थित रिहायशी कॉलोनी (डॉक्टर्स, सफाई कर्मचारी और नर्स स्टाफ के लिए) में खाली पड़ी जगह पर नई इमारत का निर्माण करवाया जाए। यहां नई इमारत में ही एमसीएच विंग स्थापित होगी और इमरजेंसी वार्ड भी यहीं पर शिफ्ट होगा।

वहीं खास बात ये है कि रिहायशी कॉलोनी का मेन गेट भी अलग है और इसी रास्ते को इमरजेंसी वार्ड में आने-जाने के लिए प्रयोग किया जाएगा। इससे लाभ ये होगा कि सिविल अस्पताल की सामान्य ओपीडी और ट्रॉमा सेंटर का वार्ड बार-बार आवाजाही के कारण प्रभावित नहीं होगा।

दो साल पहले लिया था फैसला

दो साल पहले सिरसा अस्पताल 100 बेड का था। इसलिए इसका विस्तार करके 200 बेड का बनाने की घोषणा हुई। यहां ओपीडी भी लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले पांच साल के दौरान ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या में 400 से बढ़कर 900 से ज्यादा हो चुकी है। महिला एवं प्रसूता वार्ड में ही प्रतिदिन 300 से ज्यादा महिलाएं पहुंचती है। इसलिए दो साल पहले नई विंग बनाने का फैसला स्वास्थ्य विभाग ने लिया था।

प्रक्रिया हो चुकी शुरू, अब मिलेगी राहत : डॉ. एमके

सिविल अस्पताल कैंपस में नई इमारत बनाई जानी है। इसके लिए संबंधित विभाग ने काम शुरू कर दिया है। फैसला लिया गया है कि उसी बिल्डिंग में इमरजेंसी वार्ड को भी शिफ्ट किया जाए। ताकि सामान्य ओपीडी प्रभावित न हो। नई बिल्डिंग में बाहर से आने-जाने के लिए रिहायशी कॉलोनी की ओर बने रास्ते के गेट का इस्तेमाल किया जा सकेगा।