Saket Gokhale: तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने पूर्व राजनयिक से मांगी माफी; बोले- ईमानदारी से खेद है
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले को कारण बताओ नोटिस जारी किया कि संयुक्त राष्ट्र में भारत की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी को बदनाम करने के लिए माफी प्रकाशित करने के निर्देश का पालन करने में विफल रहने पर उन्हें नागरिक हिरासत में क्यों नहीं रखा जाना चाहिए। जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने कहा कि निर्देश का पालन नहीं करके गोखले अदालत और अदालत की प्रक्रिया का मजाक उड़ा रहे हैं।
अदालत ने पुरी की उस याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया, जिसमें उन्होंने अपने पक्ष में डिक्री लागू करने की मांग की थी। पुरी की ओर से सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह पेश हुए और कहा कि एक समन्वय पीठ ने नौ मई को गोखले को दो सप्ताह के भीतर माफीनामा प्रकाशित करने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा कि आज तक, गोखले ने आदेश का अनुपालन नहीं किया है और इस प्रकार, उन्हें निष्पादन की कार्यवाही में सुनवाई का कोई अधिकार नहीं है जब तक कि वह माफी प्रकाशित नहीं करते।
गोखले की ओर से पेश एडवोकेट नमन जोशी ने कहा कि इस निर्देश पर कोई अमल नहीं किया गया और नौ मई को पारित आदेश के खिलाफ कोई अपील दायर नहीं की गई। सिंह ने सुझाव दिया कि एक स्थानीय आयुक्त नियुक्त किया जाए जो पैसे का भुगतान कर सके और गोखले की ओर से अखबार में माफीनामा प्रकाशित करा सके। हालांकि, जोशी ने कहा कि माफी व्यक्तिगत है और यह कार्य किसी और को नहीं सौंपा जा सकता है।
इस पर अदालत ने गोखले के वकील से पूछा, "मैं इस निर्देश को कैसे लागू करूंगा? आप कह रहे हैं कि मैं ऐसा नहीं कर सकता। दो विकल्प हैं। एक यह है कि आप कहते हैं कि आप ऐसा नहीं कर सकते। दूसरा, मुझे आपको हिरासत में रखना होगा। मैं आपको नोटिस कर रहा हूं। यदि आप प्रकाशित नहीं करते हैं तो हम हिरासत के आदेश जारी करेंगे।