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सिरसा जिले के 9 स्कूलों में से 3 ने भरा जुर्माना, 6 ने विभाग को भेजा नोटिस का जवाब

शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत गरीब बच्चों को दाखिला नहीं देने और दस्तावेज पोर्टल पर समय पर अपलोड नहीं करने पर शिक्षा विभाग ने जिले के 9 प्राइवेट स्कूलों पर शिकंजा कसते हुए भारी भरकम जुर्माना ठोका है। विभाग ने 30 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक जुर्माना लगाया है। 9 में से 3 स्कूलों ने जुर्माना राशि जमा करवाकर रसीद मुख्यालय भेज दी है। जबकि 6 स्कूलों ने स्पष्टीकरण जवाब भेजा है। शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों की रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय भेज दी है।
 
3 school paid fine from 9 school in Sirsa district

Right To Education: शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत गरीब बच्चों को दाखिला नहीं देने और दस्तावेज पोर्टल पर समय पर अपलोड नहीं करने पर शिक्षा विभाग ने जिले के 9 प्राइवेट स्कूलों पर शिकंजा कसते हुए भारी भरकम जुर्माना ठोका है। विभाग ने 30 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक जुर्माना लगाया है। 9 में से 3 स्कूलों ने जुर्माना राशि जमा करवाकर रसीद मुख्यालय भेज दी है। जबकि 6 स्कूलों ने स्पष्टीकरण जवाब भेजा है। शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों की रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय भेज दी है। जुर्माना राशि अदा न करने वाले स्कूलों का एमआईएस पोर्टल बंद पड़ा है। अब मुख्यालय ही एमआईएस पोर्टल खोलने को लेकर जुर्माना लगाने की इस कारवाई को फैसला उधर, स्कूलों पर लेकर स्कूल संचालकों ने विरोध जताया है। वहीं प्राइवेट स्कूल एसो. ने शिक्षा विभाग से चिराग योजना और 134-ए के तहत वर्षों से लंबित बकाया राशि को लेकर हिसाब मांगा है। आरटीई के तहत खाली सीटों की जानकारी न देने व मान्यता संबंधी दस्तावेज समय पर अपलोड न करने से स्कूलों के एमआईएस पोर्टल तीन महीने पहले बंद कर दिए थे। पोर्टल पर 25 प्रतिशत सीटों की जानकारी नहीं देने वाले जिले के 9 प्राइवेट स्कूलों पर शिक्षा निदेशालय ने कार्रवाई की है। इन 6 स्कूलों ने शिक्षा विभाग के नोटिस का जवाब भेज दिया है। जबकि जुर्माना अदा नहीं किया गया। ऐसे में मुख्यालय से इन स्कूलों की मान्यता भी रद्द हो सकती है।

स्कूल संचालक बोले-विभाग की लापरवाही

जिन स्कूल संचालकों पर विभाग ने जुर्माना लगाया है। उन संचालकों रोष जाहिर करते हुए कहा कि इस मामले में शिक्षा विभाग की भी लापरवाही रही है, क्योंकि उन्होंने मेल, टेलीफोन या लिखित सूचना के माध्यम से स्कूलों को समय रहते सूचित नहीं किया। 2023-24 में विभाग ने चिराग योजना के तहत छात्रों के कागजात सत्यापित करके निर्धारित राशि भी स्कूल को भेज दी, लेकिन जब यह बच्चे अगली

कक्षा में हो गए तो सत्र 2024-25 में चिराग योजना की लिस्ट में इनका नाम ही नहीं आया और कोई पैसा स्कूल को नहीं मिला। यह सरासर शिक्षा विभाग की लापरवाही है। आरोप लगाया कि नियम-134ए का नौवीं से बारहवीं कक्षा तक दस वर्षों का पैसा किसी भी स्कूल को नहीं दिया गया। अगर निजी स्कूल से अनजाने में समय पर कोई दस्तावेज अपलोड न कर पाएं तो उस स्कूल का पोर्टल बंद कर दिया जाता है।

सीटों का ब्योरा पोर्टल पर नहीं किया अपलोड

अमित मनहर, नोडल अधिकारी आरटीई, सिरसा ने बताया कि आरटीई के तहत पोर्टल पर सीटों का ब्योरा पोर्टल पर अपलोड नहीं करने वाले 9 स्कूलों पर जुर्माना लगाया गया था। जिसमें से 3 स्कूलों ने जुर्माना राशि भरकर रसीद दे दी है। 6 स्कूलों ने नोटिस का जवाब दिया है। जिसकी रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय भेजी जा चुकी है।