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नीट यूजी 2025 में बड़ा बदलाव, अब परीक्षा में नहीं पूछा जाएगा एक भी ऑप्शनल सवाल नहीं होगा

पहली बार नीट में सेक्शन बी इंट्रोड्यूस करते हुए अतिरिक्त ऑप्शन सवाल पूछे जाने लगे।अब ये ऑप्शनल सवाल नहीं पूछे जाएंगे। स्टूडेंट्स को कोविड से पहले के फॉर्मेट के अनुसार ही बायोलॉजी के 90 और फिजिक्स व कैमिस्ट्री के 45-45 सवालों को मिलाकर कुल 180 सवाल हल करने हैं।
 
NEET EXAM 2025

NEET UG 2025 UPDATE: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने नीट यूजी 2025 में बड़े बदलाव की घोषणा की है। इस बार नीट देने वाले स्टूडेंट्स से एक भी ऑप्शनल सवाल नहीं पूछा जाएगा। यानी अब उस प्रारूप में टेस्ट होगा जैसा कि कोविड से पहले होता था। इस घोषणा से सबसे बड़ा असमंजस सिलेबस को लेकर हो  गया है, क्योंकि 2021 में सिलेबस में कटौती करते हुए कई टॉपिक हटा दिए थे। अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या हटाए गए टॉपिक दोबारा से सिलेबस में शामिल किए जाएंगे। कोविड काल के दौरान एनटीए ने स्टूडेंट्स की सहूलियत के लिए टेस्ट के फॉर्मेट के साथ ही सिलेबस में बदलाव किया था। पहली बार नीट में सेक्शन बी इंट्रोड्यूस करते हुए अतिरिक्त ऑप्शन सवाल पूछे जाने लगे।अब ये ऑप्शनल सवाल नहीं पूछे जाएंगे। स्टूडेंट्स को कोविड से पहले के फॉर्मेट के अनुसार ही बायोलॉजी के 90 और फिजिक्स व कैमिस्ट्री के 45-45 सवालों को मिलाकर कुल 180 सवाल हल करने हैं। 

10-12 अंकों से कम हो जाएगा कटऑफ

अच्छे स्कोर के लिए सटीकता अनुपात 95% से अधिक रखना आवश्यक सिटी बेस्ड नीट एक्सपर्ट कुनाल सिंह ने कहा कि इससे पहले एनटीए 180 प्रश्न (फिजिक्स में 45/50, कैमिस्ट्री में 45/50 और बायोलॉजी में 90/100) हल करने के लिए 200 मिनट देता था। इसका अर्थ है कि स्टूडेंट्स के पास चुनने के लिए 20 ऑप्शनल चॉइस थे। अब चूंकि ऑप्शनल चॉइस हटा दिए गए हैं और स्टूडेंट्स के पास 180 मिनट में 180 प्रश्न होंगे, जिसका अर्थ है कि हर प्रश्न अनिवार्य है और बिना किसी असमानता के हर उम्मीदवार के लिए समान निष्पक्षता है, जो एक अच्छी पहल है। बेशक इसका गंभीर उम्मीदवारों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि कटऑफ निश्चित रूप से कम से कम 10-12 अंकों से कम हो जाएगा।

हर नीट उम्मीदवार के लिए प्रत्येक प्रश्न समान होगा, जिसका अर्थ है निष्पक्ष प्रतियोगिता। तीसरा ये कि 700+ अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों की संख्या निश्चित रूप से कम हो जाएगी। इसके अलावा उम्मीदवारों को सरकारी मेडिकल कॉलेज में अच्छी रैंक प्राप्त करने के लिए सभी 3 सब्जेक्ट्स में हर चैप्टर को अनिवार्य रूप से कवर करना होगा। उम्मीदवारों की स्पीड और सटीकता स्कोर में प्रमुख भूमिका निभाएगी।

2024 तक पेपर हल करने के लिए 3 घंटे 20 मिनट का समय निर्धारित था। अब टेस्ट के लिए सिर्फ तीन घंटे का समय दिया जाएगा। यानी एक सवाल हल करने के लिए स्टूडेंट्स को एक मिनट का समय मिलेगा। फॉर्मेट घोषित होने के बाद नीट यूजी के आवेदन की प्रक्रिया जल्द शुरू होने की उम्मीद है। बता दें कि देशभर के मेडिकल कॉलेजों की करीब 1 लाख सीटों के लिए पिछले साल हुई नीट में करीब 24 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स ने आवेदन किया था। एक्सपर्ट विजित जैन ने बताया अब तक स्टूडेंट्स पिछले साल के पैटर्न के अनुसार प्रैक्टिस कर रहे थे।

स्पीड बढ़ाने के लिए स्टॉपवॉच के साथ चैप्टरवाइज मॉक टेस्ट आजमाएं

कुनाल सिंह ने बताया कि नीट एग्जाम के 100 दिन बचे हैं। उम्मीदवारों को हर चैप्टर के लिए 1-2 पेज के संक्षिप्त कॉन्सेप्ट कम फॉर्मूला नोट्स बनाने चाहिए। एनसीईआरटी के हल और अनसुलझे सवालों पर पकड़ सुनिश्चित करें, खासकर कैमिस्ट्री और बायोलॉजी में, साथ ही एनसीईआरटी के उदाहरण बुक कवेश्चंस पर भी पकड़ बनाएं। अपनी स्पीड बढ़ाने के लिए स्टॉपवॉच के साथ चैप्टरवाइज मॉक टेस्ट आजमाएं। पिछले 20 साल के नीट के चैप्टरवाइज आजमाना न मान भूलें। हर सब्जेक्ट के लिए मॉक टेस्ट आजमाएं और अपनी स्पीड और एक्युरेसी की जांच करें। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि अपनी गलतियों को कॉपी में नोट कर उनसे सीखें ताकि उन्हें दोहराया न जा सके। 5) समय सीमा के भीतर कम से कम 10 फुल सिलेबस नीट पैटर्न मॉक टेस्ट का प्रयास करना सुनिश्चित करें। नीट एग्जाम में अच्छे स्कोर के लिए सटीकता अनुपात 95% से अधिक स्खना आवश्यक है।