Haryana news: गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त पढ़ाई का लाभ देने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा लागू की गई राइट टू एजुकेशन

गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त पढ़ाई का लाभ देने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा लागू की गई राइट टू एजुकेशन यानी आरटीई के तहत यदि किसी स्कूल ने दाखिला देने से मना किया तो उस स्कूल की मान्यता रद्द हो सकती है। इस बारे में शिक्षामंत्री महिपाल ढांडा ने शिक्षा अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के नियमों के अनुसार निजी स्कूलों को गरीब बच्चों को दाखिला हर हाल में देना होगा। किसी भी सूरत में बच्चों को शिक्षा से वंचित नहीं रखा जा सकता। शिक्षा बच्चों का अधिकार है।
अब 25 अप्रैल तक कर सकेंगे आवेदन
राइट टू एजुकेशन के तहत आवेदन के लिए पहले सरकार ने 21 अप्रैल की तारीख तय की थी, लेकिन अब इसको बढ़ाकर 25 अप्रैल कर दिया है। अब बच्चे इस योजना के तहत 25 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं। ऐसे में आवेदनों की संख्या बढ़ने की संभावना है। शिक्षा विभाग इसके लिए दो बार तारीख बढ़ा चुका है। पहले यह तारीख 14 अप्रैल था, जो बाद में बढ़ाकर 21 अप्रैल कर दी। अब यह तारीख 25 अप्रैल कर दी है।
8 प्रतिशत अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित
मौलिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेशों में साफ कहा गया है कि एचआईवी प्रभावित, विशेष जरूरत वाले तथा युद्ध विधवाओं के बच्चों समेत गरीब बच्चों व आर्थिक रुप से कमजोर बच्चों को आरटीई के तहत निजी स्कूलों में दाखिला दिया जाएगा। इन कुल सीटों में से 8 प्रतिशत अनुसूचित जाति, 4 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग-ए तथा ढाई प्रतिशत पिछड़ा वर्ग-बी के लिए आरक्षित करना अनिवार्य रहेगा। जो स्कूल की पहली कक्षा होगी, उसी में सबसे पहले आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।
3134 स्कूलों ने नहीं दिया सीटों का ब्योरा
हरियाणा में इस समय 10701 प्राइवेट स्कूल हैं। मौलिक शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों से अपने यहां सीटों के बारे में ब्यौरा मांगा था। इन स्कूलों में से अब तक 3134 स्कूलों ने अपनी सीटों का ब्योरा नहीं दिया है। अब तारीख बढ़ाने के बाद तीसरी बार आवेदन के लिए शिक्षा विभाग ने पोर्टल खोला है। शिक्षामंत्री ने कहा है कि जो स्कूल सीटों का ब्योरा नहीं देंगे, उनकी मान्यता भी रद्द की जा सकती है।