जींद में किसान-मजदूर संघर्ष का बिगुल, 23-25 फरवरी को कुरुक्षेत्र में बड़ी रैली
सत्यवानमान के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है।
Jind News: हरियाणा में किसानों-मजदूरों के हक के लिए संघर्ष तेज होता जा रहा है। एमएसपी पर फसलों की खरीद और किसानों-मजदूरों की संपूर्ण कर्जा माफी को लेकर हरियाणा किसान-मजदूर संघर्ष मोर्चा ने जाट धर्मशाला जींद में अहम बैठक की। बैठक में किसान नेताओं ने सर्वसम्मति से बड़े आंदोलन का फैसला लिया और संघर्ष का बिगुल बजा दिया।
किसानों-मजदूरों को एकजुट कर अपनी मांगों के समर्थन में मोर्चा यात्राओं के माध्यम से हरियाणा के विभिन्न जिलों में जागरूकता फैलाई जाएगी। 23, 24 और 25 फरवरी 2026 को कुरुक्षेत्र में मुख्यमंत्री आवास पर किसानों-मजदूरों और आमजन का विशाल जमावड़ा होगा। बैठक के बाद किसान-मजदूर संघर्ष मोर्चे ने प्रदर्शन करते हुए एसडीएम
सत्यवानमान के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है।
बैठक में हरियाणा किसान-मजदूर संघर्ष मोर्चे से जगदीप सिंह औलख, मनदीप औलख, अमरजीत सिंह मोहड़ी, अशोक बलहारा, जगबीर घसौला, उम्मेद फौगाट, दलबीर सिंह सोनीपत, प्रिंस वडैच और मेवात मोर्चे से हाफिस सिराजुद्दीन ने किसानों को संबोधित किया। किसान नेताओं का कहना है कि यह संघर्ष केवल किसानों का नहीं, बल्कि मजदूरों और आम जनता के हित है। मोर्चा का दावा है कि कुरुक्षेत्र होने वाली रैली में हजारों लोग हिस्सा में में लेंगे और सरकार तक अपनी मांगों की आवाज पहुंचाई जाएगी।
सीएम के निजी आवास पर कल होगा प्रदर्शन: संदीप
भवन निर्माण कामगार यूनियन हरियाणा के जिला अध्यक्ष जोगिंद्र ईगराह और सचिव संदीप जाजवान ने बताया कि 14 दिसंबर को मुख्यमंत्री नायब सैनी के निजी आवास कुरुक्षेत्र में निर्माण मजदूरों का आक्रोश प्रदर्शन होगा। जींद जिले से हजारों मजदूर इस रैली में शामिल होंगे। यूनियन नेताओं के अनुसार निर्माण मजदूरों के हक के लिए गठित संयुक्त निर्माण मजदूर मोर्चा के आह्वान पर प्रदर्शन किया जाएगा। राज्य स्तरीय मोर्चा का जत्था जींद में पहुंचा और दर्जनों गांवों में बैठकें कर मजदूरों को बढ़-चढ़ कर भाग लेने का आह्वान किया।
ये हैं मुख्य मांगें
स्वामीनाथन आयोग के फार्मूले सी2+50 के तहत फसलों की एमएसपी तय की जाए और फसल खरीद गारंटी कानून बनाया जाए। किसानों और मजदूरों की संपूर्ण कर्जा माफी की जाए। हरियाणा में धान खरीद घोटाला और बाजार भावांतर योजना के घोटालों की निष्पक्ष जांच की जाए। किसान आंदोलन व अन्य संगठनों में दर्ज किसानों-मजदूरों पर सभी मुकदमे रद्द किए जाएं। विदेशी दबाव में किसान-मजदूर विरोधी समझौते रद्द किए जाएं।भारत में खेती सेक्टर को डब्ल्यूटीओ से बाहर निकाला जाए। बिजली शोध बिल रद्द किया जाए। हरियाणा सरकार द्वारा ट्रैक्टर पर बढ़ाए गए रजिस्ट्रेशन टैक्स को वापस लिया जाए। पुरानी गाड़ियों पर 10-12 साल की शर्त हटाई जाए। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार किया जाए।
