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नरवाना में रेलवे लाइन पर 35 साल पुरानी डायमंड क्रॉसिंग बदली, अब 45 की स्पीड से गुजरेंगी रेलगाड़ियां

जींद जिले के नरवाना शहर के रेलवे स्टेशन से कुरुक्षेत्र व टोहाना की तरफ जाने वाली अंग्रेजों के जमाने में बिछी रेल लाइन को क्रॉस करने वाली डायमंड क्रॉसिंग को बदल दिया गया है। अब रोजाना अप-डाउन होकर जाने वाली लगभग 80 सवारी मेल व एक्सप्रेस गाड़ी, जो कि अब तक 5 किमी. की गति से होकर गुजरती थी, वह अब 45 की स्पीड से होकर गुजरा करेंगी। बताया जा रहा है कि दिल्ली-बठिंडा रेल मार्ग पर इस तरह की डायमंड क्रॉसिंग को बड़ा माना जाता है।
 
35-year-old diamond crossing Narwana replaced

Indian Railway: जींद जिले के नरवाना शहर के रेलवे स्टेशन से कुरुक्षेत्र व टोहाना की तरफ जाने वाली अंग्रेजों के जमाने में बिछी रेल लाइन को क्रॉस करने वाली डायमंड क्रॉसिंग को बदल दिया गया है। अब रोजाना अप-डाउन होकर जाने वाली लगभग 80 सवारी मेल व एक्सप्रेस गाड़ी, जो कि अब तक 5 किमी. की गति से होकर गुजरती थी, वह अब 45 की स्पीड से होकर गुजरा करेंगी। बताया जा रहा है कि दिल्ली-बठिंडा रेल मार्ग पर इस तरह की डायमंड क्रॉसिंग को बड़ा माना जाता है।

इस तरह की क्रॉसिंग रेलवे की ज्यादातर डिविजनों में कहीं-कहीं पर ही देखने को मिलती है। दिल्ली डिविजन में दिल्ली से रोहतक और जींद के बाद नरवाना में यह डायमंड क्रासिंग बनी हुई, जो कि लगभग 35 साल पुरानी है। इससे पहले इस लाइन पर सिंगल लाइन होती थी। 35 साल पहले ही यहां डायमंड क्रासिंग बनाई गई, जिसे अब बदला गया। इसको बदलने के लिए दिल्ली से सीनियर अधिकारियों के साथ लगभग 100 के करीब कर्मचारियों का दल शुक्रवार को नरवाना पहुंचा था। इनका नेतृत्व दिल्ली डिविजन के डीईएन अभिषेक बाघला ने किया। इन्होंने पुरानी क्रासिंग को उठाने के बाद नई रखने से पहले विधिवत तरीके से नारियल फोड़ा और उसके बाद अगरबत्ती लगा पूजा अर्चना कर प्रसाद वितरित किया। दोपहर बाद से लेकर शाम तक यह पूरी प्रक्रिया ड्रोन की निगरानी में रही।

दो बड़ी क्रेन, 4 जेसीबी की सहायता से साढ़े चार घंटे में संपन्न हुआ कार्य

डायमंड क्रॉसिंग के कार्य के दौरान दो बड़ी क्रेन, 4 जेसीबी की सहायता और लाइनों के ऊपर से गुजर रही इलेक्ट्रिफिकेशन को बंद करने के बाद लगभग साढ़े चार घंटे के अंतराल में पूरा किया गया। शुरुआत में दो टुकड़ों में काटकर भारी क्रेन की सहायता से बाहर निकाला गया। इसके बाद पहले से तैयार नई डायमंड क्रासिंग को उसी स्थान पर बड़ी मशीनों की मदद से उठाकर फिक्स किया गया। पूरी प्रक्रिया को तय समय सीमा के भीतर पूरा किया गया ताकि रेल यातायात प्रभावित नहीं हो। इतना ही नहीं दिल्ली डिविजन से तकरीबन सौ से ज्यादा कर्मचारियों का एक बड़ा दल भी यहां पहुंचा था।

करीब साढ़े चार घंटे ब्लॉक लिया गया

दिल्ली बठिंडा रेलवे मार्ग पर यह बड़ी डायमंड क्रासिंग को बदलने का कार्य गुरुवार को करीब साढ़े चार घंटे ब्लॉक लिए जाने के बाद पूरा हुआ। इस दौरान कर्मचारियों द्वारा यह कार्य काफी चुनौतीपूर्ण था। करीब सायं 5 बजे इस कार्य को सफ लतापूर्वक पूरा कर लिया गया। क्रॉसिंग के बदले जाने से जो अब गाड़ियों की स्पीड लिमिट 5 है उसे धीरे-धीरे बढ़ाए जाने की संभावना है, जो कि आगामी दिनों में 45 तक भी पहुंचाई जा सकती है। - रणधीर सिंह, स्टेशन अधीक्षक, रेलवे जंक्शन, नरवाना।

नरवाना से कुरुक्षेत्र व टोहाना रेलमार्ग को जोड़ती है क्रॉसिंग

रेलवे अधिकारियों की मानें तो डायमंड क्रॉसिंग रेलवे ट्रैक की एक यह एक विशेष संरचना होती है, जहां दो अलग-अलग रेल मार्ग एक-दूसरे को क्रॉस करते हैं। नरवाना में जो बदली गई है, यह भी नरवाना से कुरुक्षेत्र व टोहाना और फिर वापसी में टोहाना व कुरुक्षेत्र से नरवाना तक मार्ग को जोड़ती है। जब भी कोई मेल या एक्सप्रेस गाड़ी क्रॉसिंग को पार करती है तो उस समय उसकी स्पीड 5 किमी. की रह जाती है। अब क्रासिंग बदलने के बाद ट्रेन की स्पीड 45 की जो जाएगी। इससे गंतव्य तक पहुंचने के लिए भी आधे घंटे की भी यात्रियों की बचत होगी।