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MP में जैविक खाद से किस कर रहे हैं बंपर कमाई, एक साल में तैयार किए 600 कट्टे

किसान पाटीदार ने पहले पुणे और उदयपुर जाकर वर्मी कम्पोस्ट बनाने का प्रशिक्षण लिया। फिर उद्यानिकी विभाग से संपर्क कर दो किलो केंचुए प्राप्त किए। इन्हीं से जैविक खाद निर्माण की शुरुआत की। एक साल में उन्होंने 600 कट्टे जैविक खाद तैयार की। इस खाद को अफीम की खेती करने वाले किसानों को 600 से 700 रुपए प्रति कट्टे की दर से बेचा। इससे उन्हें अच्छी आमदनी हुई। 
 

Success Story: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के किसान जैविक खाद से इन दिनों बंपर कमाई कर रहे हैं। कहते हैं नवाचार और परिश्रम से खेती में भी क्रांति लाई जा सकती है। सेमलिया हीरा गांव के प्रगतिशील किसान घनश्याम पाटीदार ने इस बात को सच कर दिखाया है। उन्होंने केंचुए की मदद से जैविक खाद बनाकर न सिर्फ अपनी आय बढ़ाई बल्कि गांव की गौशाला और खेतों को भी फायदा पहुंचाया है।

किसान पाटीदार ने पहले पुणे और उदयपुर जाकर वर्मी कम्पोस्ट बनाने का प्रशिक्षण लिया। फिर उद्यानिकी विभाग से संपर्क कर दो किलो केंचुए प्राप्त किए। इन्हीं से जैविक खाद निर्माण की शुरुआत की। एक साल में उन्होंने 600 कट्टे जैविक खाद तैयार की। इस खाद को अफीम की खेती करने वाले किसानों को 600 से 700 रुपए प्रति कट्टे की दर से बेचा। इससे उन्हें अच्छी आमदनी हुई। 

खाद निर्माण के लिए वह गांव की गौशाला से गोबर खरीदते हैं। जिससे वहां की आमदनी भी होती है। खाद में ट्रापकोडरमा मिलाने से फंगस नहीं लगता। उनके पास 8 बीघा जमीन है। इसमें पूरी तरह जैविक खेती करते हैं। जैविक उत्पादों को बाजार में बेहतर दाम मिलते हैं। ड्रिप सिंचाई के लिए उन्हें उद्यानिकी विभाग से 16 हजार रुपए की सहायता और 8 हजार रुपए का अनुदान भी मिला। इससे पानी की बचत हुई और रबी फसलों की पैदावार में इजाफा हुआ।

गोबर गैस प्लांट भी चला रहे, एलपीजी की जरूरत नहीं

किसान पाटीदार गोबर गैस प्लांट भी चला रहे हैं। इससे उनके घर की रसोई और अन्य काम चलते हैं। अब एलपीजी सिलेंडर की जरूरत नहीं पड़ती। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए उन्होंने खेतों में नरवाई जलाना भी बंद कर दिया है। वे डी-कंपोजर डालकर नरवाई सड़ाते हैं, जिससे खेत में ही जैविक खाद तैयार हो जाती है और पैदावार बढ़ती है। अब उनका सपना इस कार्य को बड़ा रूप देने का है। वे हर साल 1000 से 1500 कट्टे खाद तैयार कर बाजार में उतारने की तैयारी में हैं। इसके लिए एक छोटी यूनिट लगाने की योजना भी बना चुके हैं।

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