8th pay commission Fitment Factor: सरकारी कर्मचारियों के लिए ख़ुशख़बरी, सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी के साथ मिलेगा अब ये लाभ

8th pay commission: सातवें वेतन आयोग को लागू हुए 9 साल पूरे हो चुके हैं। इस दौरान महंगाई तेजी से बढ़ी है, जिससे आम जनता और सरकारी कर्मचारियों की समस्याएं भी बढ़ गई हैं। बढ़ती महंगाई के कारण सरकारी कर्मचारियों ने 8वें वेतन आयोग की मांग के साथ वेतन और पेंशन में वृद्धि की अपील की थी।
केंद्र सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर हरी झंडी दे दी है। इसके लागू होने से कर्मचारियों के वेतन ढांचे (Pay Matrix) में बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।
फिटमेंट फैक्टर में होगी उल्लेखनीय वृद्धि
केंद्र सरकार जल्द ही 8वें वेतन आयोग को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। उम्मीद है कि इससे कर्मचारियों को काफी लाभ मिलेगा। वेतन में वृद्धि की संभावना को देखते हुए फिटमेंट फैक्टर को 2.86 तक बढ़ाया जा सकता है।
कर्मचारियों को मिलेगा बड़ा वेतन लाभ
अगर कर्मचारियों की मांग के अनुरूप फिटमेंट फैक्टर लागू किया जाता है, तो उनकी न्यूनतम बेसिक सैलरी में बड़ा बदलाव होगा। 8वें वेतन आयोग के तहत बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़ाकर 51,480 रुपये तक की जा सकती है। इसके अलावा, पेंशन में भी इसी अनुपात में वृद्धि की संभावना है, जिससे न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये तक पहुंच सकती है। इससे न सिर्फ मौजूदा कर्मचारियों, बल्कि पेंशनधारकों को भी राहत मिलेगी।
7वें वेतन आयोग के लागू होने पर कर्मचारियों की सैलरी में हुई थी इतनी बढ़ोतरी
7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में उल्लेखनीय इजाफा हुआ था। उस समय फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) को 2.57 गुना निर्धारित किया गया था, जिसके आधार पर कर्मचारियों की बेसिक सैलरी को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया गया था। इससे कर्मचारियों को बड़ा वित्तीय लाभ मिला था।
समझें क्या है फिटमेंट फैक्टर
फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) वह फॉर्मूला है, जिसके आधार पर सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन का निर्धारण किया जाता है। इसके जरिए कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की जाती है। यह अलग-अलग स्तरों पर सैलरी बढ़ाने में मदद करता है। हालांकि, इस गणना में भत्तों (Allowances) को शामिल नहीं किया जाता है।
पिछले वेतन आयोगों में ऐसे बढ़ा था वेतन
चौथे वेतन आयोग (4th Pay Commission) के तहत सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 27.6 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। इस आयोग के दौरान न्यूनतम वेतन 750 रुपये निर्धारित किया गया था। वहीं, 5वें वेतन आयोग (5th Pay Commission) के तहत वेतन में 31 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी, जिसके चलते केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन बढ़ाकर 2,550 रुपये कर दिया गया था।
छठे वेतन आयोग से शुरू हुआ था फिटमेंट फैक्टर का दौर
छठे वेतन आयोग (6th Pay Commission) में पहली बार फिटमेंट फैक्टर का उपयोग किया गया। इसे शुरुआत में 1.86 गुना निर्धारित किया गया था, जिससे कर्मचारियों की सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी हुई और उनकी बेसिक सैलरी 7,000 रुपये तक पहुंच गई। इसके बाद, साल 2014 में 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) का गठन किया गया। इस आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर को 2.57 गुना किया गया, जिससे वेतन में वृद्धि हुई। हालांकि, इस दौरान कुल वेतन वृद्धि सिर्फ 14.29 फीसदी रही।