Lifestyle News : अपने बड़ों को हाथ जोड़कर किजिए अभिवादन, मिलता है जीवन में अनेक फायदों का अभिनंदन

lifestyle News : हमारा देश की संस्कृति दुनिया के देशों से भिन्न हैं। यहां एक-दूसरे के सम्मान में अभिवादन और अनुशासन परिवार से लेकर नौकरी पेशों में बना रहता है। वैसे तो दुनिया में सभी धर्मों का एक-दूसरे को संबोधित करने का तरीका अलग-अलग है।
लेकिन हमारे देश में हिंदू संस्कृति की बात तो अलग ही है, यहां दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार की मुद्रा में सामने वाले को संबोधित या आदर दिया जाता है। यह कोई सामान्य मुद्रा नहीं है, बता दें कि हमारे यहां शास्त्रों में भी नमस्कार करने के कई महत्वपूर्ण पहलू बताए गए हैं। जिन पहलुओं के दृष्टि से मनुष्य के जीवन में सम्मान और कई फायदे मिलते हैं।
अभिवादन करने से मजबूत होते हैं नाते
एक दूसरे को अभिवादन करने से सामाजिक नाते मजबूत होते हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि, हाथ जोड़कर नमस्ते करना न केवल संबोधित करने की मुद्रा नहीं है, बल्कि ये आदर-सम्मान देने के भी एक मुद्रा है। इस कारण से हमारा धार्मिक महत्व भी बढ़ जाता है। यही कारण हैं जब आप अभिवादन कर दूसरों को सम्मान देते हैं, तो इससे रिश्ते-नातें मजबूत होते हैं।
ईश्वर की आरधना में किजिए अभिवादन, मिलेगा ये लाभ
यदि आप ईश्वर के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखते हैं, तो आप नमस्कार करते समय सबसे पहले अपने दोनों हाथों को जोड़कर माथे तक ले जाएं। इसके बाद थोड़ा झुककर आंखों को बंद कर ईश्वर को स्मरण करें। ऐसा करने से ईश्वर के प्रति आपकी चरण-वंदना जल्द स्वीकार होती है।
साथ ही आध्यात्मिकता का भी ज्ञान होता है। इसी तरह अपने बड़े-बुजुर्गों की आज्ञा का पालन करते हुए रोजाना हाथ जोड़कर नमस्कार करें। क्योंकि हिंदू शास्त्रों में बुजुर्गों को भी ईश्वर के समान ही आदर दिया गया है। ऐसे में अगर आप बड़े-बुजुर्गों को रोजाना नमस्कार करते हैं, तो इससे आपको श्रद्धापूर्वक आशीर्वाद मिलता है।
नमस्कार मुद्रा से मिलते हैं शारीरिक फायदे
पाठकों को बता दें कि, शास्त्रों में नमस्कार मुद्रा को एक योगासन भी माना जाता है। जिससे हमारे तन मन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। नमस्कार मुद्रा से उंगलियों के टिप पर दबाव एक्यूप्रेशर की तरह कार्य करता है। इसका सकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के कान, आंख और दिमाग पर पड़ता है।
कभी आपने स्टेडियम, पार्क या फिर कहीं शांत सी खुली जगह पर देखा होगा कि योगासन में कुछ लोग नमस्कार मुद्रा का प्रयोग करते हैं। क्योंकि ऐसे करने से आपकी याददाश्त भी मजबूत होती है। नमस्कार मुद्रा में हथेलियों पर भी दबाव बढ़ता है, जिससे हृदय चक्र और आज्ञा चक्र में सक्रियता आती है। अभिवादन के साथ ध्यान करने से तन-मन में शांति और सकारात्मक विचार एवं सोच बढ़ती हैं।
नोट : इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। हरियाणा लाईन इस लेख की पुष्टि नहीं करता। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। अंधविश्वास के खिलाफ हरियाणा लाईन सख्त खिलाफ हैं।