Jind News: उचाना में विधायक की एक कॉल पर जगमग हुआ रजबाहा रोड
कई महीनों से छाया था रजबाहा रोड पर अंधेरा
कई महीनों से छाया था रजबाहा रोड पर अंधेरा

There was darkness on Rajbaha Road for many months
Jind News: उचाना में कई महीनों से अंधेरे में डूबा रजबाहा रोड दूधिया रोशनी से नहा रहा है। रजबाहा रोड पर लगी स्ट्रीट लाइटों के न जलने से अंधेरा होने से यहां आस-पास रहने वाले वार्डों के लोगों के साथ-साथ सुबह, शाम को सैर करने वाले लोगों, युवाओं, महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता था। रजबाहा रोड पर लाइटों के न जलने को लेकर समाज सेवी एवं आढ़ती ओमदत्त डाहोला द्वारा विधायक देवेंद्र चतरभुज अत्री को अवगत कराने के बाद विधायक द्वारा तुरंत प्रभाव से संबंधित विभाग को फोन किया। विधायक के एक फोन से जिसका यहां के लोगों को कई महीनों से इंतजार था वो समस्या दूर हो गई। रजबाहा रोड दूधिया रोशनी से नहा गया। यहां आने-जाने वालों को आवागमन में सुविधा हो रही है तो जो आस-पास के वार्ड के लोग है उनको भी अंधेरा दूर होने से फायदा हुआ।
ओमदत्त डाहोला, रणधीर, मनोज ने कहा कि कई महीनों से रजबाहा रोड पर लगी लाइटों के न जलने से अंधेरा होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। विधायक देवेंद्र चतरभुज अत्री को इस समस्या के बारे में अवगत करवाने के बाद संबंधित विभाग के अधिकारी को विधायक के फोन करने के बाद ये समस्या दूर हो गई है। अब सुबह, शाम को आने-जाने वाले लोगों को लाइटों के ठीक होने से आवागमन में परेशानी नहीं हो रही है।
आज श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया जाएगा भाई दूज का त्योहार, भाई दूज पर तिलक का शुभ मुहूर्त दोपहर एक बजकर 10 मिनट से दोपहर तीन बजकर 21 मिनट तक
जींद जिलाभर में रविवार को भैया दूज का पर्व श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया जाएगा। यह पर्व भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दिन बहन के द्वारा भाई की लंबी आयु की कामना की जाती है और उसे तिलक लगाया जाता है। जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि भाई दूज का शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार तीन नवंबर को दोपहर एक बजकर 10 मिनट से दोपहर तीन बजकर 21 मिनट तक रहेगा। नवीन शास्त्री ने बताया कि रक्षा बंधन के बाद भैया दूज के त्योहार पर बहन भाइयों के लिए लंबी उम्र की कामना करती हैं। रक्षा बंधन की तरह भैया दूज का महत्व है। इस दिन भी बहन भाइयों की लंबी उम्र की कामना भगवान से करती है।
जिले में अन्नकूट पर मंदिरो में लगे भंडारे, लोगोंं ने पूजा-अर्चना कर मांगी मन्नते
जींद जिले में गोवर्धन और अन्नकूट को लेकर मंदिरों में शनिवार को खूब भंडारे लगे। मंदिरों में पूजा-अर्चना और हवन यज्ञ कर श्रद्धालुओं ने सुख शांति की कामना की। जयंती मंदिर में भव्य भंडारा लगा। इस दौरान प्रसाद पाने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारे लगी हुई थी। मंदिर श्रद्धालुओं ने स्वयं सेवक बनकर व्यवस्था को संभालने का काम किया। मंंदिर पुजारी नवीन कुमार शास्त्री ने बताया कि श्रद्धालुओं के सहयोग से भंडारे में चार क्विंटल कढ़ी, दो क्विंटल चावल, एक क्विंटल सब्जी, एक क्विंटल बाजरे की खिचड़ी, दो क्विंटल हलवा और पूरी का प्रसाद तैयार किया गया था। पिछले वर्षो की भांति इस वर्ष गोवर्धन पूजा और अन्नकूट के भंडारे को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिला। उन्होंने कहा कि दीपावली का अगला दिन गोवर्धन पूजा के लिए तय रहता है। अन्नकूट का पर्व इसी अवसर पर गोवर्धन पूजा के निमित्त मनाया जाता है, जिसके मूल में, भगवान श्रीकृष्ण भक्तों के योगक्षेम को स्वयं वहन करते हैं, जैसा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर किया। शास्त्री ने बताया कि गोकुलवासी वर्षा के देवता कहे जाने वाले इंद्र को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक वर्ष उनकी पूजा करते थे, लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें ऐसा करने से रोककर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने के लिए कहा। इस पर इंद्र ने क्रोधवश गोकुल पर भारी मूसलाधार बारिश करवा दी, जिससे ब्रजवासियों को बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपने हाथ की कनिष्ठिका (सबसे छोटी अंगुली) पर सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को उठाए रखा, तथा सभी ग्रामीणों, गोपी-गोपिकाओं, ग्वाल-बालाओं व पशु-पक्षियों की रक्षा की। सातवें दिन भगवान ने पर्वत को नीचे रखा और सभी गोकुलवासियों को प्रतिवर्ष गोवर्धन पूजा कर अन्नकूट उत्सव मनाने को कहा। इसके बाद से ही श्रीकृष्ण भगवान गोवर्धनधारी के नाम से भी प्रसिद्ध हुए और इंद्र ने भी कृष्ण के ईश्वरत्व को स्वीकार कर लिया। कहा जाता है कि कृतज्ञ भक्तों ने तभी से गोवर्धन गिरधारी की कृपा को अविस्मरणीय बनाने के लिए अन्नकूट पर्व मनाने का निश्चय किया। अन्नकूट के कूट का संबंध कहीं न कहीं गोवर्धन पर्वत से भी है।