Ola-Uber Cab booking : ओला-उबर से कैब बुक करते हुए बरतें ये सावधानी और आप ले सकते हैं सस्ती कैब का मजा

Ola-Uber Cab booking : ओला या उबर पर कैब बुक करते समय आपने भी देखा होगा कि कभी तो सस्ती सवारी मिल जाती है और कभी उतनी ही दूरी के लिए आपको ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं। आखिर इसके पीछे क्या कारण है जो आपको एक ही दूरी के लिए अलग-अलग कीमत चुकानी पड़ती है और आप सस्ती कैब का ऑर्डर नहीं कर सकें।
engineerHUB के फाउंडर ऋषभ सिंह ने निकाला एक नया तरीका
टेक एक्सपर्ट के लिए ऑनलाइन प्लेसमेंट प्लेटफॉर्म engineerHUB के फाउंडर ऋषभ सिंह का कहना है कि उन्होंने फोन के मॉडल और बैटरी के आधार पर इसका तरीका खोज निकाला है। दिल्ली में रहने वाले इस दिग्गज ने इस कैब बुक की पूरी पोल खोलकर रख दी है। उनका कहना है कि अब आप किसी भी समय कैब बुक करते समय सस्ती सवारी का मजा ले सकते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा कि कैसे अलग-अलग फोन के मॉडल और बैटरी चार्जिंग के हिसाब से उबर में समान दूरी और समय पर भी अलग-अलग किराया दिखाता है।
ऋषभ सिंह ने क्या दावा किया?
ऋषभ सिंह ने अपने एक्स अकाउंट पोस्ट में बताया कि, उन्होंने इसकी सच्चाई उजागर करने के लिए दो एंड्रॉयड और दो आईफोन के मॉडल लिए और इन सभी फोन पर एक ही अकाउंट से लॉग इन करने के बाद एक ही जगह और टाइम पर राइड बुक की। बावजूद इसके देखा गया कि उनके किराये में अंतर था। इस अंतर का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि कैसे आप कैब बुक करते समय इस जुगाड़ से अपना किराया कम कर सकते हैं और काफी छूट ले सकते हैं।
ऋषभ के निरीक्षण के परिणाम में क्या निकला?
ऋषभ के मुताबिक, एंड्रॉइड और आईओएस डिवाइसों के मध्य किराए में अंतर देखा गया। इसमें 13 फीसदी की छूट या 50 फीसदी की छूट जैसी छूटें असंगत रूप से दिखाई दीं, जिससे मैसेज मिलता है कि उबर का मूल्य निर्धारण डिवाइस प्लेटफॉर्म के आधार पर भिन्न हो सकता है। यहां तक कि समान परिस्थितियों (एक ही खाता, स्थान और समय) के बावजूद, कीमतें अलग-अलग थीं।
कम बैटरी वाले कैब में दर्शाता है ज्यादा किराया
सिंह ने सुझाव दिया कि यह एक व्यवहारिक रणनीति हो सकती है, जहां इमरजेंसी स्थितियों में उपयोगकर्ताओं को ज्यादा किराए देने के लिए तैयार देखा जाता है। वहीं कम बैटरी वाले उपकरणों ने पूरी तरह से चार्ज किए गए उपकरणों की तुलना में अधिक किराए दिखाए। यहीं कारण है कम बैटरी वाले को उच्च किराया देना पड़ता है। कम बैटरी स्तर वाले उपकरण लगातार उच्च किराये दिखाते हैं। यह उस प्रिसिंपल के साथ मेल खाता है कि कम बैटरी वाले उपयोगकर्ताओं को अधिक कीमतें स्वीकार करने की आशंका ज्यादा होती है, क्योंकि वें जल्दबाजी में होते हैं।
सिंह ने कंपनी पर उठाए सवाल
उन्होंने अधिक जवाबदेही की मांग की और कहा कि उपयोगकर्ताओं को यह जानने का अधिकार है कि किराये कैसे तय किए जाते हैं और क्या व्यक्तिगत डिवाइस डेटा उन पर प्रभाव डाल रहा है। जब मूल्य निर्धारण तंत्र में स्पष्टता नहीं होती है, तो प्लेटफार्मों पर विश्वास कम हो जाता है। सिंह ने निष्पक्षता और पारदर्शिता को लेकर चिंता जताई, यह सवाल उठाते हुए कहा कि क्या उबर के एल्गोरिदम उपयोगकर्ता डेटा, जैसे डिवाइस का प्रकार और बैटरी स्तर, का उपयोग करके किराए को समायोजित करते हैं। सिंह ने अपनी पोस्ट को एक कॉल टू एक्शन के साथ समाप्त किया, जिसमें उन्होंने यूजर्स को अपने एक्सपीरियंस शेयर करने और निष्पक्ष प्रथाओं के लिए आवाज उठाने के लिए उत्तेजित किया।