मुगल हरम में औरतों की गहरे कुएं का नाम सुनते ही क्यों निकल पड़ती थी चीखें, जानिए पूरी रिपोर्ट

Mughal Harem: भारत देश पर मुगलों ने सैकड़ो वर्षों तक शासन किया था। मुगलों के शासनकाल के दौरान कई ऐसे अध्याय लिखे गए जिनके बारे में जानने हेतु आज भी लोग उत्सुक रहते हैं। मुगल शासन (MUGAL RULES) का इतिहास जितना लंबा है उतना रोचक भी है। यही कारण है कि देश के साथ-साथ विदेशों में भी मुगल काल के बारे में नई लोग नई-नई जानकारियां प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। मुगल शासन में सबसे अधिक चर्चा का विषय मुगल हरम (Mughal Harem) था। मुगल हरम के बारे में इतिहासकारों ने अपने अलग-अलग विचार लिखे हैं। कुछ इतिहासकार मुगल हरम को मुगल शासको की अय्याशी का अड्डा बताते हैं। वहीं कुछ इतिहासकार इसे मुगल शासन (Mughal Empire) का काला अध्याय भी मानते हैं। मुगल हरम से अनेक रोचक किस्से जुड़े हुए हैं। इनमें से एक किस्सा गहरे कुएं का भी जुड़ा हुआ है। इतिहासकार बताते हैं कि गहरे कुएं का नाम सुनते ही मुगल हरम की औरतों की चीखें निकल जाती थी।
आईए जानते हैं क्या था मुगल हरम के गहरे कुएं का राज
मुगल हरम (Mugal harem history) में इतिहासकारों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सबसे दयनीय स्थिति औरतों की बताई जाती है। इतिहासकार अबुल फजल ने अपनी पुस्तक अकबरनामा (Akbarnama) में लिखा है कि अकबर (Akbar) के शासन के दौरान मुगल हरम में 5000 से अधिक औरतें रखी गई थी। इसमें कई देशों से लाई गई औरतें और दासियां शामिल थी। अबुल फजल (Abul fajal) लिखते हैं कि हरम में पूरा शासन रानियों का होता था। अरब में रहने वाली औरतों और दासियों के कड़े नियम व कानून बनाए गए थे। जिसके तहत किसी भी महिला को बाहरी पुरुष से मिलने व बात करने तक की इजाजत नहीं थी। हरम में कानून तोड़ने वाली महिलाओं के लिए फांसी की सजा का भी प्रावधान रखा गया था। फांसी की सजा देने के बाद हरम की औरतों की लाशों को ठिकाने लगाने हेतु एक अंडरग्राउंड गहरे कुएं का निर्माण किया गया था। बताया जाता है कि हरम में प्रवेश के बाद किसी भी महिला को बाहर आने की इजाजत नहीं थी। अगर किसी महिला की बीमारी या अन्य किसी कारण से मृत्यु हो जाती थी तो उस महिला की लाश को भी इस कुएं में डाल दिया जाता था। यही कारण था कि हरम की महिलाओं की गहरे कुएं का नाम सुनकर अक्सर सीखे निकल जाती थी।
हरम की सुरक्षा हेतु लगाए गए थे विदेशी किन्नर
मुगल शासको द्वारा हरम की सुरक्षा के कड़े पाबंद किए गए थे। हरम की सुरक्षा हेतु तीन लेयर लगाई गई थी। जिसके तहत प्रथम लेयर में सैनिकों को लगाया गया था। वहीं हरम के अंदर की सुरक्षा में किन्नरों की ड्यूटी लगाई गई थी। लेखक अदरिजा रॉय चौधरी अपने एक लेख में लिखती हैं कि मुगल सल्तनत (Mughal Empire) में सुरक्षा हेतु किन्नर विदेशों से भी लाए जाते थे। वहीं अकबर के शासनकाल के दौरान (Eunuchs) बहुत ही ताकतवर स्थिति में थे। इतिहासकार रूबी लाल लिखती हैं कि अकबर के शासनकल में इतिमाद खान को मुगल सल्तनत (Mughal Empire) की आर्थिक व्यवस्था संभालने की जिम्मेवारी मिली हुई थी। इतिमाद खान भी एक किन्नर ही था। किन्नरों का हरम के अंदर एक तरफा राज चलता था। इतिहासकार बताते हैं कि जब भी कोई मुगल शासक (Mughal Rulers) आरंभ में प्रवेश करता था तो उसके चारों तरफ किन्नर सुरक्षा का घेरा बना लेते थे।