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Haryana cold Wave Alert: हरियाणा के 10 जिलों में आज कोल्ड वेव का जारी हुआ अलर्ट, जानें आने वाले दिनों में मौसम का पूर्वानुमान 

Haryanaline: बिना कोहरे की ठंढ से किसानों की फसलों को काफी नुकशान हो रहा है।  वहीँ हरियाणा में 10 जिलों में शीतलहर और पाले का अलर्ट जारी किया गया है। इनमें झज्जर,भिवानी, फतेहाबाद, कैथल, सिरसा, हिसार रोहतक, जींद, करनाल और कुरूक्षेत्र शामिल हैं।
 
जारी हुआ अलर्ट

Haryana cold Wave Alert: हरियाणा में सुखी ठंढ ने लोगो की हालत खराब कर दी है। प्रदेश के सभी जेलों में पिछले 10 दिनों से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। सोमवार रात को हिसार देश के मैदानी इलाकों हाड कंपा देने वाली ठंड देखि गयी।

आलम यह की यहां का तापमान 1.6 डिग्री तक पहुंच गया है , जो शिमला से भी काम है । 

हरियाणा के इन जिलों में आज शीतलहर का अलर्ट 
बता दे की प्रदेश में ठंढ से आमजन के साथ किसानों के लिए भी काफी दिक्क्तें उत्पन कर रही है।  बिना कोहरे की ठंढ से किसानों की फसलों को काफी नुकशान हो रहा है।  

 

वहीँ हरियाणा में 10 जिलों में शीतलहर और पाले का अलर्ट जारी किया गया है। इनमें झज्जर,भिवानी, फतेहाबाद, कैथल, सिरसा, हिसार रोहतक, जींद, करनाल और कुरूक्षेत्र शामिल हैं।

 

पिछले  24 घंटों में मौसम 
वैसे तो हरियाणा के सभी जिलों में ठंड का असर देखने को मिल रहा है वहीँ रोहतक जिले में दिन में सबसे ज्यादा ठंड देखने को मिली है। यहां 24 घंटे में अधिकतम तापमान में 1.5 डिग्री की गिरावट देखने को मिली है। यहां अधिकतम तापमान 18.4 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 4.5 डिग्री कम है। 

आने वाले दिनों में हरियाणा में कैसा रहेगा मौसम 
अधिक जानकारी के लिए बता दे की IMD चंडीगढ़ के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल के अनुसार हरियाणा में आगे भी ठंड का यही आलम रहने वाला है।  इसी तरह मैदानी इलाकों में ठंड का कहर जारी रहेगा। 

वहीँ 20 दिसंबर तक शीतलहर का अलर्ट है। इस दौरान न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहेगा। पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है। जिसके चलते हरियाणा में अब कोहरे का असर भी देखने को मिल सकता है। 

गेहूं के लिए अच्छा सरसों की फसलों में नुकशान 
HAU के बावल के क्षेत्रीय केंद्र निदेशक डॉ. धर्मवीर यादव का कहना है कि यह मौसम गेहूं की फसल के लिए अच्छा है। जितनी अधिक ठंड पड़ेगी, गेहूं की फसल का अंकुरण उतना ही अच्छा होगा। हालांकि सरसों के लिए पाला खतरा बन सकता है। ऐसे में किसानों को सरसों में हल्की सिंचाई करनी चाहिए।

लेकिन हरियाणा के कई जिलों के किसानों के लिए ये भी दुविधा है की नहरों में पानी की अवधि भी कम कर दी गई   जिससे किसान अब दोहरी मार का शिकार हो रहा है।