Jind News: पानी के बहाव को देखकर गांव में मच गया हड़कंप, ग्रामीणों ने घरों में पानी ना घुसे इसके लिए मिट्टी के बना दिए बांध

Jind News: जींद जिले के जुलाना में जैसे ही सुबह सुंदर ब्रांच नहर टूटने की सुचना नंदगढ़ गांव के ग्रामीणों को मिली तो ग्रामीण नहर की ओर दोड़ पड़े और गांव में पानी ना घुस पाए इसके लिए बचाव कार्य शुरू कर दिए। प्रशासन द्वारा मौके पर कई मशीनें तो पहुंचा दी गई लेकिन राहत और बचाव कार्य शुरू नही कर पाए। प्रशासन की ओर से नहर के पानी को डायवर्ट कर दिया लेकिन पानी कम होने में काफी समय लग गया जिससे गांव में पानी घुसने का अंदेशा पाकर ग्रामीणों ने खुद अपनी गलियों में मिट़्टी के बांध बना दिए। पानी के बहाव को देखकर ग्रामीणों की सांसे थम गई। अपने घरों के आगे भी बांध बनाने शुरू कर दिए।
सैंकड़ो एकड़ फसल हुई खराब तो दूसरे गांव के धरतीपुत्रों के माथे पर आई चिंता की लकीरें
नंदगढ़ गांव में नहर टूटने से तीन घंटे में लगभग 300 एकड़ खेतों में जलभराव हो गया और किसानों की फसल खराब हो गई। नंदगढ़ गांव के अलावा सिरसाखेड़ी, लजवाना खुर्द गांव के किसानों के माथे पर भी चिंता की लकीरें देखी गई। किसानों का मानना है कि नंदगढ़ गांव का पानी सिरसा खेड़ा, लजवाना खुर्द तक के खेतों में पानी भर सकता है जिससे उनकी फसल खराब हो सकती है।
प्रशासन ने खेतों को छोड़ आबादी में पानी ना घुसे के लिए किए प्रयास
नंदगढ़ गांव में नहर टूटने की सूचना पाकर प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए। मौके पर पहुंचे एसडीएम अनिल कुमार दुन ने कहा कि खेतों को जो नुकसान हुआ है उसके लिए मुआयना किया जाएगा। प्रशासन की प्राथमिकता है कि गांव में पानी ना घुसे इसके लिए ग्रामीणों के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए।
किसानों को मिले 50 हजार रूपसे प्रति एकड़ मुआवजा
नंदगढ़ गांव के किसानों की मांग है कि नहर की पटरी टूटने से जिन किसानों की फसल जलभराव से खराब हुई है। उन्हें 50 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा मिले क्योंकि जलभराव से उनकी फसल खराब हो गई और धान की रोपाई भी नही हो पाएगी। ऐसे में किसानों को दोहरी मार से होकर गुजरना पड़ेगा। अनिल कुमार दुन, एसडीएम जुलाना ने बताया कि सूचना मिलते ही प्रशासन मौके पर पहुंच गया था। नहर के पानी को बुटाना ब्रांच और हांसी ब्रांच नहर में पानी को डायवर्ट किया गया है। राहत और बचाव टीमें मौके पहुंच गई हैं। गांव में पानी ना घुसे इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। जो खेतों को नुकसान होगा उसका मुआयना किया जाएगा।